नई दिल्ली। मोदी सरकार हर बार एक ऐसा मुद्दा उठाती है जिससे राजनीति में हलचल मच जाती है। एक बार फिर मोदी सरकार द्वारा लिए गए एक बड़े फैसले से राजनीति गर्मा सकती है। रक्षा मंत्रालय ने अब देश में 39 सैन्य फार्म बंद कराने का बड़ा फैसला लिया है। जिसके बाद इस फैसले को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। बयाता जा रहा है सरकार जिन फार्म को बंद कर रही है उसमें देश की सबसे अचेछी नसलों की गाय मौजूद हैं। इन गायों की संख्या करीब 20 हजार बताई जा रही है। इतना ही नहीं इन फार्म में लगभग 2500 कर्मचारी काम करते हैं। सरकार के इस फैसले से इनकी नौकरी पर भी सीधे असर पड़ेगा। सरकार ने पिछले महीने कैबिनेट की कमेटी को आदेश दिए थे की वो इन फार्म को 3 महीने में बंद कर दे।
बता दें कि मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सरकार का कहना है कि देश में प्राइवेट डेयरी या दूध का कारोबार इतना फैल गया है कि सेना को खुद के पार्म की कोई जरूरत नहीं है। क्योंकि सैनिकों को भी इन प्राइवेट डेयरी के जरिए दूध भेजा जा सकता है। इसका मतलब ये हुआ कि अब भारतीय सेना के जवान भी अब पैकिट का दूध पिएंगे। इसलिए सेना अब डेयरी के जरिए जवानों तक दूध पहुंचा सकती है। हाल ही में सेना में गोशाला को लेकर हुए भ्रष्टाचार के कई मामले सामने आए हैं। इस मामले को उस मामले से भी जोड़कर देखा जा रहा है। सराकर के इस फैसले से जिन फार्म पर असर पड़ने वाला है वो मेरठ. झांसी, कानपुर. अंबाला समेत कई बड़े फार्म है।
वहीं ICAR के वैज्ञानिकों का कहना है कि फार्म बंद करने के बाद चिंता का विषय ये है कि इन 20 हजार गायों का क्या होगा। साथ ही उन्होंने कहा कि देश के और किसी फार्म में इतनी जगह और क्षमता नहीं है कि 20 हजार गायों को रखकर उनका पालन पोषण कर सके। देश में पिछले कुछ वक्त से गाय को लेकर काफी चर्चा हो रही है। चारों तरफ गाय को लेकर बवाल मचा हुआ है। ऐसे में सरकार के लिए ये फैसला कई बड़े सवाल उठा सकता है।