आज गोवा का 59वां मुक्ति दिवस है. आज ही के दिन पुर्तगाल की सेना ने भारतीय सेना के सामने हार मानी थी. इसी मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर गोवा वासियों को बधाई दी. पीएम मोदी ने अपने ट्वीट में लिखा-
गोवा मुक्ति दिवस के खास मौके पर गोवा की मेरी बहनों और भाइयों को बधाई और शुभकामनाएं. हम गर्व के साथ उन लोगों की बहादुरी को याद करते हैं जिन्होंने गोवा को मुक्त करने के लिए कड़ी मेहनत की. आने वाले वर्षों में प्रदेश की निरंतर प्रगति के लिए प्रार्थना की.
On the special occasion of Goa Liberation Day, greetings and best wishes to my sisters and brothers of Goa. We recall with pride the bravery of those who worked hard to free Goa. Praying for the continuous progress of the state in the years to come.
— Narendra Modi (@narendramodi) December 19, 2020
19 दिसम्बर 1961
19 दिसम्बर 1961 की रात को साढ़े दस बजे पुर्तगाली कमांडर ने इंस्ट्रमेंट ऑफ सरेंडर पर हस्ताक्षर किए थे. उसी दिन गोवा मुक्त हो गया था. भारत ने ये लड़ाई ब्रिगेडियर के एस ढिल्लो के नेतृत्व में लड़ी. एस ढिल्लो के सामने ही दुश्मनों ने ‘इंस्ट्रमेंट ऑफ सरेंडर’ पर हस्ताक्षर किए थे.
आजादी के बाद भारत सरकार ने राजनियक तरीकों से पुर्तगाल पर गोवा को आजाद करने के लिए जोर डाला, लेकिन पुर्तगाल ने भारत की मांग को एक लंबे समय तक अनसुना कर दिया. ऐसे में 1 दिसम्बर 1961 को तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित नेहरू ने भारतीय सेना को गोवा से आजाद कराने का निर्देश जारी किया. इसकी जिम्मेदारी सेना की 17वीं माउंटेन डिवीजन को दी गई. पुर्तगाल की सेना के लिए भारत की एक ब्रिगेड (63वीं) ही काफी थी और ‘ऑपरेशन विजय’ लांच किया गया.
दो दिन की लड़ाई (18-19 दिसम्बर) में ही पुर्तगाली सैनिकों ने हार मान ली थी. 19 दिसम्बर 1961 की रात को साढ़े दस बजे पुर्तगाली कमांडर ने इंस्ट्रमेंट ऑफ सरेंडर पर हस्ताक्षर किए थे. उसी दिन गोवा मुक्त हो गया था. गोवा के साथ साथ दादर और नगर हवेली भी आजाद हो गया.