नई दिल्ली। एक लंबे इंतजार के बाद आखिरकार सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों पर मुहर लग गई है और प्रस्तावितसैलेरी को केंद्रीय कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। बुधवार(04-05-17) को पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक के बाद इस बात को मंजूरी दी गई है।
सरकारी खजाने पर बोझ
केन्द्र सरकार ने जून 2016 में सातवें वेतन आयोग को लागू करने की मंजूरी देते हुए केन्द्रीय बजट में 84,933 करोड़ (वित्त वर्ष 2016-17) के साथ-साथ वित्त वर्ष 2015-16 में दो महीने के एरियर का प्रावधान कर दिया था। सभी बदलावों को मंजूर करने के बाद केंद्रीय कैबिनेट ने कहा कि ये सभी बदलाव 1 जनवरी 2016 से लागू किए जाएंगे। केंद्रीय कैबिनेट ने इस फैसले को मंजूरी तो दे दी है लेकिन इससे सरकारी खजाने पर 1,76,071 करोड़ रुपये बोझ पड़ने वाला है।
अशोक लवासा समिति ने दिए सुझाव
आधिकारिक जानकारी के मुताबिक 7वें वेतन आयोग में बदलाव करने के लिए केंद्रीय वित्त सचिव अशोक लवासा की अध्यक्षता में हुई एक उच्चस्तरीय समिति ने 47 लाख से ज्य़ादा कर्मचारियों के भत्ते की सूची अरूण जेटली को भेजी थी,जिसके बाद इसमें बदलाव किया गया है।
केंद्रीय समिति ने 196 भत्तों में से 52 को पूरी तरह समाप्त करने और 36 अन्य को अन्य बड़े भत्तों में ही शामिल करने का आदेश जारी किया गया है। समिति का ये भी कहना है कि समिति ने आवास किराया भत्ते में 8 से 24 फीसदी की बढ़ोतरी करने क सुझाव दिया गया है।