मुंबई। 25 साल पुराने भाजपा और शिवसेना का गठबंधन टूट जाने के बाद अब ऐसी खबरें आ रही है कि महाराष्ट्र नव निर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने अपने चचेरे भाई और शिवसेना चीफ उद्ध ठाकरे को कई बार फोन किया लेकिन उन्होंने अपने भाई का एक बार भी फोन नहीं उठाया।
दरअसल भाजपा और शिवसेना का गठबंधन टूटने के बाद राज ठाकरे इस फिराक में लगे हैं कि वो शिवसेना के साथ हाथ मिला ले जिसके चलते वो कई बार उन्हें फोन भी कर चुके है लेकिन कोई रिस्पांस न मिलने पर राज ठाकरे ने अपने भाई के पास अपने खास नुमाइंदे बाला नांदगांवकर को प्रस्ताव लेकर उद्धव ठाकरे को शिवसेना के दफ्तर मातोश्री भेजा है।
इस पूरे मामले पर नेता बाला नांदगांवकर का कहना है कि मेरे सामने राज ने उद्धव को सात बार फोन किया लेकिन उन्होंने नहीं उठाया। इसके साथ ही हमने एक लाइन का प्रस्ताव दिया था कि हमारी सीटें हमें चाहिए। हालांकि शिवसेना के तेवर को देखकर ऐसा लगता है कि भाजपा से अलग होने के बाद अब वो किसी से भी गठबंधन के मूड में नहीं है। उद्धव ठाकरे का कहना है कि उनके पास कोई भी प्रस्ताव नहीं आया है। और हमारी पार्टी अकेली ही चुनाव लड़ेगी।
बता दें कि शिवसेना ने भाजपा से किनारा करने का ऐलान 26 जनवरी को किया था। जिसके बाद उद्धव ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा, शिवसेना के 50 साल के इतिहास में गठबंधन के चलते 25 साल बर्बाद हुए हैं। हम सत्ता के लालची नहीं हैं।’ उद्धव ने भाजपा पर गुंडागर्दी के आरोप लगाते हुए कहा, ‘बीजेपी के पास हमारे सैनिकों से लड़ने की चुनौती नहीं है। जिसके बाद से लगातार राज ठाकरे अपने गठबंधन की फिराक में लगे हैं।