देहरादून। मिशन इन्द्रधनुष कार्यक्रम के तहत उत्तराखंड में बाएं बच्चों और गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण के लिए चार महीने का गहन गहन टीकाकरण कार्यक्रम किया जाएगा। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के मिशन निदेशक (एमडी) युगल किशोर पंत ने राज्य स्वास्थ्य अप्रत्यक्ष में आयोजित एक संवेदीकरण कार्यशाला में भाग लेते हुए कहा कि यह अभियान भारत के 27 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के 271 जिलों में चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में, देहरादून, बागेश्वर और नैनीताल को छोड़कर दस जिलों को अभियान के तहत कवर किया जाएगा। इन जिलों में, 14,729 बच्चे और 3,596 गर्भवती महिलाएं, टीकाकरण की कवायद से बची हुई हैं।
उन्होंने कहा कि यह अभियान दिसंबर, जनवरी, फरवरी और मार्च के महीनों में चार चरणों में आयोजित किया जाएगा। पंत ने दावा किया कि नियमित टीकाकरण के क्षेत्र में निरंतर प्रगति हो रही है, लेकिन नियमित टीकाकरण कार्यक्रम से छूटे बच्चों के लिए यह विशेष अभियान चलाया जा रहा है। महानिदेशक (डीजी) स्वास्थ्य सेवाएं, डॉ। अमिता उप्रेती ने कहा कि मिशन इन्द्रधनुष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है और वे स्वयं नियमित रूप से इसकी निगरानी कर रहे हैं।
एनएचएम की निदेशक डॉ। अंजलि नौटियाल ने कहा कि टीकाकरण बच्चों में कई बीमारियों को रोकने में मदद करता है। उसने कहा कि यूनिवर्सल इम्यूनाइजेशन प्रोग्राम (यूआईपी) के तहत दो साल से कम उम्र के बच्चों को कवर किया जाता है। मदर एंड चाइल्ड हेल्थ (एमसीएच) कार्यक्रम के प्रभारी डॉ के एस मार्तोलिया ने कहा कि टीकाकरण सत्र अगले चार महीनों के पहले सोमवार से सात दिनों (रविवार और छुट्टियों को छोड़कर) के लिए आयोजित किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि अभियान के तहत हरिद्वार जिले में 9724 बच्चे और 1857 गर्भवती महिलाएं और ऊधम सिंह नगर जिले में 3524 बच्चे और 1401 गर्भवती महिलाएँ लक्षित हैं। राज्य प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. मीनाक्षी उनियाल, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के विशेषज्ञ डॉ. विकास शर्मा, डॉ. पंकज कुमार सिंह, जेसी पांडे और अन्य ने कार्यक्रम में भाग लिया। बस में हाथी के हमले में मारे गए।