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मिर्जापुर नगरपालिका को मिला सर्वश्रेष्ठ का पुरस्कार, जानें लखनऊ में कितनी कीमत में तैयार हो रहा लाइट हाउस प्रोजेक्ट

330a847d 9091 4548 b5b7 06f9005975e4 मिर्जापुर नगरपालिका को मिला सर्वश्रेष्ठ का पुरस्कार, जानें लखनऊ में कितनी कीमत में तैयार हो रहा लाइट हाउस प्रोजेक्ट

लखनऊ। सरकार द्वारा देश जनता को आगे बढ़ाने के लिए अथक प्रयास किए जा रहे है। देश की उन्नति तभी संभव है जब वहां रहने वाले लोग पूर्ण रूप से संपन्न होंगे। मोदी सरकार द्वारा लोगों को सीधे लाभ पहुंचाने वाली कई योजनाएं चलाई गई हैं। इसी बीच आज पीएम मोदी ने लाइट हाउस प्रोजेक्ट का शिलान्यास किया। इस प्रोजेक्ट के तहत देश के 6 राज्यों को सम्मलित किया गया है। इसी बीच आज सीएम योगी आदित्यनाथ प्रधानमंत्री शहरी आवास योजनान्तर्गत राजधानी लखनऊ के अवध विहार योजना में शहरी गरीबों के लिए ‘लाइट हाउस प्रोजेक्ट’ के शिलान्यास कार्यक्रम में उपस्थित थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार प्रदेश के हर जरूरतमंद परिवार का ‘अपना घर’ का सपना साकार करने के लिए सतत प्रयासरत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में अब तक 17 लाख 58 हजार परिवारों के अपना घर का सपना साकार हुआ है।

‘सबके लिए आवास’ का सपना जरूर पूरा होगा-

बता दें कि योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा से ‘सबके लिए आवास’ का सपना जरूर पूरा होगा। लाइट हाउस प्रोजेक्ट के शिलान्यास कार्यक्रम के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीएम आवास योजना (शहरी) पुरस्कार 2019 की घोषणा की। योजना के सर्वश्रेष्ठ क्रियान्वयन के लिए उत्तर प्रदेश को पहला पुरस्कार दिया गया। यही नहीं, उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर नगर पालिका को देश की सर्वश्रेष्ठ नगर पालिका का पुरस्कार भी दिया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के छह राज्यों में ग्लोबल हाउसिंग टेक्नोलॉजी चैलेंज- इंडिया (जीएचटीसी- इंडिया) के तहत हल्के मकान से जुड़ी परियोजनाओं (लाइट हाउस प्रोजेक्ट्स) की शुक्रवार को आधारशिला रखी। एलएचपी के लिए राष्ट्रीय स्तर पर उत्तर प्रदेश का चयन मॉडल के रूप में किया गया है। इसके तहत, राजधानी लखनऊ के अवध बिहार योजना में 01 करोड़ 31 लाख की लागत से लाइट हाउस प्रोजेक्ट (एलएचपी) का निर्माण किया जाना है।

भवनों के निर्माण में ‘स्टे इन प्लेस फॉर्म वर्क’ तकनीक का प्रयोग-

इसके साथ ही इन भवनों के निर्माण में ‘स्टे इन प्लेस फॉर्म वर्क’ तकनीक का प्रयोग किया गया है। यह भवन अधिक टिकाऊ, पर्यावरण अनुकूल और आपदा रोधी होंगे। योजनान्तर्गत प्रायोगिक तौर पर यूपी में करीब 1040 लोगों के लिए भवन बनना प्रस्तावित हैं। प्रत्येक आवास का कारपेट एरिया 34.5 वर्ग मीटर होगा। एक वर्ष के भीतर यह परियोजना पूरी हो जाएगी।

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