ऋषिकेश। उत्तराखंड से कुदरत के करिश्में का एक और उदाहरण सामने आया है। जिसे देख कर साफ दिखता है कि कुदरत चाहे तो हलके पत्थर को भी पहाड बना देता है और भारी भरकम पत्थर को भी पानी में तैरा देता है। जिस तरह भगवान राम ने रावण की लंका में जाने के लिए भारत से श्रीलंका तक पत्थरों का पुल नदी के ऊपर बनाया था और एक भी पत्थर पानी में नहीं डूबा था।

तो इसी तरह ही भारत की इस जगह पर एक और चमत्कारी पत्थर का वाक्या सामने आया है। इस पत्थर को जिस भी जन मानस ने अपनी आंखो से देखा, वह भी इस पर विश्वास नहीं कर पा रहा है। यह अद्भुत पत्थर देव भूमी उत्तराखंड के ऋषीकेश में पाया गया है। अब तक तो सुना और देखा था कि भारी चीज पानी में डूब जाती है, लेकिन यह पत्थर पानी में तरने लगा। आपको बता दें कि देव भूमी उत्तराखंड के ऋषीकेश में गाजीवाली गांव के पास एक चमत्कारी पत्थर मिला है। यह भारू भरकम पत्थर पानी में जूबने की बजाए पानी में तैरने लगा। इस पत्थर को देखने के लिए भारी तादात में भीड एकत्रित हो गई। पूरे सूबे में लोगों में आग की तरह चर्चा फैल गई कि ऋषीकेश में राम सेतू का पत्थर पाया गया है।
दरअसल गाजीवाली निवासी ऋषिपाल सोमवार को गंगा नदी के किनारे बैठा हुआ था, तभी अचानक उसे एक पत्थर गंगा में तैरता हुआ नजर आया, पत्थर तैरता देख कर ऋषिपाल भी दंग रह गया। तो उसने तुरंत पानी में छलांग लगाकर उस पत्थर को बाहर निकाल लिया। उसने पत्थर का सच जानने के लिए एक एक्सपेरिमेंट भी किया। ऋषिपाल ने एक भगोने में पानी भर कर उस पत्थर को उसमें डाला तो वह पत्थर भगोने में भी तैर रहा था। अब इस पत्थर को देखने के लिए ऋषिपाल के घर पर भारी तादात में भीड़ जमा हो गई है।