स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार, केन्द्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) के निर्देशों के अनुसार 29 अक्टूबर से 3 नवम्बर तक की अवधि को जागरुकता सप्ताह के तौर पर मनाएगा।गौरतलब है कि इस वर्ष जागरूकता का शीर्षक है ‘भ्रष्टाचार उन्मूलन–नए भारत का निर्माण’। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने मंत्रालयों के अधिकारियों और कर्मचारियों को भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने और ईमानदारी एवं सत्यनिष्ठा के सर्वोच्च मानदंड स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध रहने का ‘संकल्प‘ दिलाया।
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मालूम हो कि केन्द्रीय सतर्कता आयोग का उद्देश्य सार्वजनिक जीवन में सत्यनिष्ठा, पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देना है। सार्वजनिक जीवन में ईमानदारी को बढ़ावा देने और एक भ्रष्टाचार मुक्त समाज की स्थापना के अपने प्रयासों के अंतर्गत ‘सीवीसी’ हर वर्ष जागरुकता सप्ताह मनाता है। यह सप्ताह मनाने का उद्देश्य लोगों में अधिक जागरुकता पैदा करना एवं सभी को भ्रष्टाचार की रोकथाम करने और उसके खिलाफ लड़ने में सामूहिक भागीदारी के लिए प्रोत्साहन मिलेगा।
एक सप्ताह लंबे जागरूकता अभियान के दौरान मंत्रालय के अधिकारियों और कर्मचारियों को अपने कार्य में सतर्कता और पारदर्शिता बरतने के प्रति संवेदनशील बनाने और प्रेरित करने के लिए सेमिनार, वाद-विवाद और निबंध प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा।आयोग की इस पहल से जीवन के हर क्षेत्र से भ्रष्टाचार उन्मूलन किया जा सके।
केन्द्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी)
आपको बता दें कि भारत का केन्द्रीय सतर्कता आयोग भारत सरकार के विभिन्न विभागों के अधिकारियों व कर्मचारियों से सम्बन्धित भ्रष्टाचार नियंत्रण की सर्वोच्च संस्था है। इसकी स्थापना सन् 1964 में हुई थी। आयोग के गठन की सिफारिश संथानम समिति (1962-64) ने की थी। जिसका गठन भ्रष्टाचार रोकने से सम्बन्धित सुझाव देने के लिए हुआ था।
सीवीसी के कार्य
केन्द्रीय सतर्कता आयोग सांविधिक दर्जा प्राप्त एक बहुसदस्यीय संस्था है।केन्द्रीय सतर्कता आयोग किसी भी कार्यकारी प्राधिकारी के नियन्त्रण से मुक्त है।गौरतलब है कि केन्द्रीय सरकार के अन्तर्गत सभी सतर्कता गतिविधियों की निगरानी करता है। यह केन्द्रीय सरकारी संगठनो मे अल-अलग प्राधिकारियों को उनके सतर्कता कार्यों की योजना बनाने, निष्पादन करने, समीक्षा करने और सुधार करने मे सलाह देता है।