देहरादून। उत्तराखंड में आगामी निकाय चुनाव को लेकर राज्य सरकार और राज्य चुनाव आयोग में ठन गई है, जिसको लेकर राज्य के चुनाव आयुक्त सुबर्द्धन ने एक प्रेस वार्ता कर सरकार पर गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने सरकार पर सहयोग नहीं करने का आरोप लगाया था और साथ ही उन्होंने निकाय चुनाव में सरकार की तरफ हो रही डीलाडाली को लेकर भी कई गंभीर आरोप लगाए हैं। इसके अलावा सरकार से निराशा जाहिर करते हुए चुनाव आयोग ने नैनीताल हाई कोर्ट का रुख कर लिया है।
सरकार पर चुनाव आयोग द्वारा लगाए गए गंभीर आरोपों का जवाब देने के लिए सरकार के प्रवक्ता मदन कौशिक ने एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया। इस प्रेस वार्ता में उन्होंने आरोपों पर जवाब देते हुए कहा कि निकाय चुनाव को लेकर सरकार का सहयोग चुनाव आयोग के साथ शुरू से ही है इसलिए सहयोग न करने का आरोप बेबुनियाद है। उन्होंने कहा कि हमने अधिकारियों के साथ लंबे समय तक बैठक की और एक-एक बिंदू पर सहमति बनाई। इसमें हमने ये तय किया कि कितने दिन में इस्तीफा विस्तार का काम पूरा किया जाएगा।
कितने दिनों में इसमें तब्दीली हो जाएगी। कितने दिन में इसका अंत कैसे और किस प्रकार से किया जाएगा। उन्होंने बताया कि चुनाव आयोग ने हमसे जरूरत के हिसाब से कर्मचारी उपलब्ध कराने की मांग की थी, जिसको लेकर चुनाव आयुक्त की बैठक सीएम के साथ हुई थी, यहीं नहीं उन्होंने दो बार मेरे साथ भी बैठक की थी। इसके बाद सीएम के कुछ निर्देशों के आधार पर हमारे विभाग और आयोग के अधिकारियों के बीच घंटों तब बैठक चली। इस बैठक में ये तय किया गया कि चुनाव की प्रक्रिया को किस प्रकार से आगे बढ़ाया जाएगा।
कौशिक ने कहा कि ये कह देना की सरकार ने समय नहीं दिया और हम मिले नहीं ये सरासर गलत है। उन्होंने कहा कि हम चुनाव को लेकर कई बार मिले हैं और खुद मैंने भी मुलाकात की है। कौशिश ने कहा कि मैंने उन्हें साफ शब्दों में कहा था कि अगर वो इस मुद्दे पर विस्तार से चर्चा करना चाहते हैं तो करें। कौशिक ने कहा जहां तक चुनाव आयुक्त की बात है उनके साथ समय निकालकर बैठक होगी क्योंकि सरकार संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों की इज्जत करती है।
वहीं चुनाव आयोग द्वारा मामले को हाई कोर्ट में ले जाने पर उन्होंने अपनी सफाई पेश करते हुए कहा कि सरकार अपना पक्ष न्यायालय में भी रखने को तैयार है और हम प्रदेश में निकाय चुनाव को शांति से करवाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि हमने बिना देर करे न्यायालय की बात मानते हुए 24 नगर निकायों की दोबारा सुनवाई की,लेकिन हमारे नोटिफिकेशन को उन्होंने निरस्त कर दिया। कौशिक ने कहा कि अगर सरकार में कोई दोष है तो आप चाहे विपक्ष के हो या कोई और सरकार आपके सभी आरोपों पर जवाब देने को तैयार है।