featured देश

जानिए कौन है ये मजबूर मां जो लॉकडाउन में कलेजे के टुकड़े को सूटकेस पर लेटाकर घसीटती रही,

bachha 2 जानिए कौन है ये मजबूर मां जो लॉकडाउन में कलेजे के टुकड़े को सूटकेस पर लेटाकर घसीटती रही,

जहां एक तरफ पूरी दुनिया कोरोना से जिंदगी और मौत की जंग लड़ रही है तो वहीं सरकार तमाम सरकारी दावे करके जनता की खूब वाहवाही बटोरने के लिए एक से बढ़कर एक एलान कर रही है। जो कागजों पर तो फुल हैं लेकिन जमीन तक आते-आते खाली हो जाते हैं।

chaild 1 जानिए कौन है ये मजबूर मां जो लॉकडाउन में कलेजे के टुकड़े को सूटकेस पर लेटाकर घसीटती रही,
और इसका खुलासा तब हुआ जब एक मां अपने कलेजे के टुकड़े को महामारी से बचाने के लिए अपने घर की तरफ पैदल ही निकल पड़ी।

भूख और मजबूरी के हाथों परेशान मां का हौंसला उसका बच्चा था। लेकिन जब वो सो गया तब भी वो न रूकी और चलती चली गई। इस दौरान उनकी किसी ने तस्वीर खींच ली जो अब सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है।

जिसको लेकर काफी सवाल उछ रहे हैं। चलिए आपको बताते हैं। इस तस्वीर के पीछे उस मां का दर्द और पहचान..
पंजाब से कुछ प्रवासी मजदूर उत्तर प्रदेश के महोबा जाने के लिए निकले थे। इन मजदूरों के साथ महिलाएं और बच्चे भी थे।
बुधवार को जब ये लोग आगरा पहुंचे तो इनके साथ मौजूद करीब 8 साल का बच्चा थककर बैठ गया। बच्चे की मां अपने बच्चे की थकावट के चलते अपना सफर नहीं रोकना चाहती थी, इसलिए उसने बच्चे को अपने ट्रॉली बैग पर औंधे मुंह लेटाया और ट्रॉली बैग को खींचने लगी।

वहां मौजूद पत्रकारों ने इन मजदूरों का वीडियो बनाया तो वह देखते ही देखते सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
इस दारान पंजासे से आये मजदूरों का कहना था कि वे पंजाब से पैदल निकले हैं, और किसी सरकारी सुविधा के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है।

रास्ते में अगर कुछ खाने को मिल जाता है तो खा लेते हैं, और जब रात हो जाती है, तो जहां होते हैं वहीं रुक जाते हैं।
मजदूरों के मुताबिक, उनसे रास्ते में कई बार पूछताछ हुई लेकिन किसी ने उनके घर जाने को लेकर कोई व्यवस्था नहीं की। इसलिए वो पैदल ही निकल पड़े।

आपको बता दें, पैदल चलते मजदूरों की दर्दभरी तस्वीरें काफी दिनों से वायरल हो रहीं है। जिनको लेकर बड़े-बड़े दावें को किए जा रहे हैं। लेकिन कुछ किया नहीं जा रहा है।

इसलिए अब सवाल उठनें लगे हैं,एक ओर जहां सरकार इनकी घर वापसी को लेकर बड़े-बड़े दावे कर रही है वहीं दूसरी ओर इन मजदूरों को लेकर प्रशासन का रवैया बेहद गैरजिम्मेदाराना दिख रहा है।

विभिन्न चौराहों-सीमाओं पर पुलिस का पहरा है, क्या उन पुलिसवालों की नजर इन मजदूरों पर नहीं पड़ती? वे पुलिसवाले आखिर क्यों जिला प्रशासन से बात करके इन्हें किसी शेल्टर होम में रोककर इनके घर जाने की व्यवस्था नहीं कराते?

और सबसे बड़ा सवाल यह है कि बाहर से आ रहे इन मजदूरों में अगर कोई कोरोना पॉजिटिव हुआ तो इनकी वजह से जो संक्रमण फैलेगा, उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा?..

https://www.bharatkhabar.com/aliens-airbase-found-aviation-plate-seen-in-aksai-china/
अगर आपके पास भी इन सवालों का जवाब हो तो कमेंट में जरूर शेयर करें।

Related posts

भाजपा में आज शामिल नहीं हो पाएंगे एस एम कृष्णा

shipra saxena

चार देशों की यात्रा के बाद लौटीं सुषमा स्वराज

rituraj

पीएम मोदी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी दौरे पर पहुंचेंगे आज, काशी को देंगे कई करोड़ की सौगात

Neetu Rajbhar