हरिद्वार-ऋषिकेश के बीच मेट्रो चलाने का प्रस्ताव राज्य कैबिनेट के सामने रखे जाने के लिए तैयार कर लिया गया हैं। इसके लिए मेट्रो कॉरपोरेशन डीपीआर आवास विभाग को सौंप चुका हैं। इस प्रस्ताव पर अगर गौर करें तो देहरादून से पहले मेट्रो हरिद्वार से ऋषिकेश के बीच चलेगी। इस प्रस्ताव पार आवास विभाग, वित्त और नियोजन विभाग के साथ अंतिम दौर की बातचीत कर रहा हैं। अगले महीने तक मेट्रो को कैबिनेट की मंजूरी मिलने की उम्मीद हैं।
बीते 4 साल से चल रहा हैं काम
देहरादून- हरिद्वार और ऋषिकेश को जोड़ते हुए मेट्रो ट्रेन चलाने के प्रस्ताव पर बीते 4 साल से काम चल रहा हैं। अब यह प्रस्ताव ठोस रूप लेने जा रहा है। उत्तराखंड मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने पहले चरण में हरिद्वार और ऋषिकेश के बीच 33 किमी के ट्रैक पर मेट्रो लाइट चलाने का प्रस्ताव डीपीआर सहित आवास विभाग को सौंप दिया हैं। आवास विभाग ने इस पर वित्त और नियोजन से राय मांगी हैं, सूत्रों के मुताबिक, नियोजन ने प्रस्ताव पर कुछ डिटेल्स मांगी हैं।
मेट्रो ट्रैक पर अनुमानित लागत 3800 करोड़
इसके बाद प्रस्ताव अगले महीने तक राज्य कैबिनेट सामने रखा जा सकता हैं। उम्मीद हैं कि राज्य कैबिनेट इसे मंजूरी देगा। जिसके बाद मेट्रो प्रोजेक्ट को अंतिम हरी झंडी केंद्र सरकार की तरफ से मिलेगी। प्रथम चरण में हरिद्वार और ऋषिकेश के बीच प्रस्तावित मेट्रो ट्रैक पर अनुमानित लागत 3800 करोड़ रूपए रह सकती हैं। मेट्रो प्रोजेक्ट को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने के लिए कई अंतरराष्ट्रीय वित्तीय एजेंसियां सहमत है।
2024 तक पूरा होने का लक्ष्य
DPR में प्रोजेक्ट को 2024 तक पूरा किए जाने का लक्ष्य है। उत्तराखंड मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के MD जितेंद्र त्यागी ने बताया कि हरिद्वार-ऋषिकेश मेट्रो लाइट के साथ ही हरिद्वार में पीआरटी प्रोजेक्ट और चंडी देवी रोपवे के लिए भी DPR अगले महीने तक पूरी हो जायेगी।
रोपवे प्रणाली का भी था विचार
मेट्रो प्रोजेक्ट के तहत देहरादून में भी आईएसबीटी- राजपुर और एफआरआई- रायपुर के बीच दो ट्रैक बिछाए जाने की DPR तैयार हो चुकी हैं। साथ ही तीसरे चरण में देहरादून को नेपाली फार्म के पास हरिद्वार- ऋषिकेश मेट्रो से जोड़ा जायेगा। साथ ही देहरादून के आंतरिक मार्गों पर रोपवे प्रणाली विकसित करने का विचार भी सामने आया। पिछले साल आवास मंत्री मदन कौशिक की अध्यक्षता में विदेश गए दल ने देहरादून के लिए रोपवे प्रणाली को ही फाइनल किया था, लेकिन इस पर अभी तक अंतिम निर्णय नहीं हो पाया हैं।