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कलौंजी के सेवन की विधि, कलौंजी के फायदे और कलौंजी से उपचार

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नई दिल्ली। ऐसा कहा जाता है कि कलौंजी मौत को छोड़कर हर मर्ज़ की दवा है। इस पोस्ट में आज आप जानेंगे कलौंजी के फायदे और कलौंजी से उपचार कैसे किया जाता है या कलौंजी का सेवन किस तरह से करना है और कलौंजी किन – किन रोगों में कैसे आपको फायदा पहुंचाती है। तो चलिए जानते हैं कलौंजी के फायदे।

परिचय

कलौंजी का उपयोग भारतीय व्यंजनों और मसलों तथा अनेक प्रकार के रोगों को ठीक करने के लिए किया जाता है। सबसे ज़्यादा कलौंजी का उपयोग यूनानी दवाओं को बनाने में किया जाता है।अनगिनत रोगों को ठीक करने वाला कलौंजी का पौधा सौंफ के पौधे से थोड़ा छोटा होता है और इसमें हलके नीले और पीले फूल आते हैं। इनका बीज जिसको हम कलौंजी बोलते हैं वो काले रंग के होते हैं। कलौंजी लगभग हर घर में मौजूद रहने वाली चीज़ है।

ये जीवन से भरपूर गुणों वाली एक असरदार दवा है लेकिन बहुत कम लोग ही इसके गुणों के बारे में जानते हैं। कलौंजी बहुत से रोगों में और बहुत तेज़ी से फायदा करती है। आज उनमे से हम यहाँ आपको कुछ रोगों का उपचार कलौंजी के द्वारा बात रहे हैं। आइये जानें कलौंजी के फायदे व विभिन्न रोगों में कलौंजी के बीजों का कैसे उपयोग करना है।

कलौंजी कलौंजी के सेवन की विधि, कलौंजी के फायदे और कलौंजी से उपचार

कलौंजी का सेवन कैसे करें

कलौंजी के बीजों का सेवन आप सीधे ही कर सकते हैं। इसके अलावा आप एक छोटा चम्मच कलौंजी के बीजों को शहद के साथ मिलाकर भी इसका सेवन कर सकते हैं। कलौंजी को आप पानी में उबालकर फिर छान लें और इस पानी को पीएं ऐसे भी आप कलौंजी को ले सकते हैं।एक तरीका यह भी है कि आप कलौंजी को दूध में उबालें और जब दूध ठंडा हो जाये तब इसको छानकर पीएं। कलौंजी को आप मिक्सर में अच्छी तरह से ग्राइंड कर लें और पानी या दूध के साथ इसका चूर्ण सेवन कर सकते हैं। एक मॉर्डन तरीका ये भी है कि आप कलौंजी को ब्रैड, पनीर तथा पेस्ट्रियों पर छिड़क कर भी खा सकते हैं।

कलौंजी के फायदे, इन रोगों में कलौंजी का सेवन करें

दोस्तों आप जली हुई कलौंजी को हेयर ऑइल में मिलाकर रोज़ाना नियमित रूप से सिर पर मालिश करें इससे गंजापन दूर होता है और अगर बाल झड़ रहे हैं तो नए बाल उग आते हैं। कलौंजी को पीसकर सिरके में मिलाकर रात को सोने से पहले अपने चेहरे पर लगाएं और सुबह ठन्डे पानी से चेहरे को धो लें। ऐसा करने से आपके चेहरे के मुंहासे 7 दिन में ही ठीक हो जाते हैं।

कान की सूजन में या बहरापन में कलौंजी के तेल को अच्छे से गर्म कर लें और ठंडा होने के बाद कान में डालने से कान की सूजन दूर हो जाती है और साथ ही इससे कम सुनायी देना और बहरापन जैसे रोगों में भी फायदा होता है। 10 ग्राम कलौंजी के बीज लें और इन्हे आप 3 छोटे चम्मच शहद के साथ मिला लें। ये रोज़ाना रात सोते समय थोड़े दिन तक नियमित रूप से इस्तेमाल करने से पेट के कीडे़ पूरी तरह से नष्ट हो जाते हैं।

प्रसव पीड़ा में कलौंजी का काढ़ा बनाकर सेवन करने से प्रसव की पीड़ा में आराम मिलता है। पुराने ज़ुकाम और नजले को ठीक करने के लिए आप आधा कप पानी में आधा चम्मच कलौंजी का तेल व एक चौथाई चम्मच जैतून का तेल मिलाकर इतना उबाल लें कि पानी खत्म हो जाए और केवल तेल ही रह जाए फिर इसके बाद आप इसे छानकर 2 बूंद नाक में डालें ऐसा करने से आपका पुराने से भी पुराना सर्दी-जुकाम ठीक हो जाता है।

दाद, खाज और खुजली में कलौंजी के चूर्ण को नारियल के तेल में मिलाकर प्रभावित त्वचा पर मालिश करने से चर्म रोगों में आराम मिलता है और कलौंजी इसे जड़ से भी खत्म कर देती है। आंखों में लाली हो या फिर मोतियाबिन्द, या आपकी आंखों से पानी आता हो इसके अलावा आंखों की रोशनी कम हो या किसी भी प्रकार के आंखों के रोगों में आप एक कप गाजर का रस लीजिए और लगभग आधा चम्मच कलौंजी का तेल अब इसमें दो चम्मच शहद मिलाकर दिन भर में कम से कम 2बार सेवन करें। इससे आपकी आंखों के सभी रोग ठीक हो जाते हैं।

एक कप गर्म पानी लें उसमे आधा चम्मच कलौंजी का तेल डालकर रात को सोते समय पीने से स्नायुविक विकार व मानसिक टेंशन दूर होती है। कलौंजी के बीजों को सेंक लीजिए और इनको कपड़े में लपेटकर सूंघे या कलौंजी का तेल और जैतून का तेल दोनों को बराबर मात्रा में लें और दो -दो बूँद नाक में टपकाने से सर्दी-जुकाम समाप्त होता है। विभिन्न रोगों में कलौंजी से उपचार कैसे करें कलौंजी के तेल को एक चौथाई चम्मच की मात्रा में एक कप दूध के साथ कुछ महीने तक प्रतिदिन पीने और रोगग्रस्त अंगों पर कलौंजी के तेल से मालिश करने से लकवा ठीक होता है।

पिसी हुई कलौंजी लें आधा चम्मच, इसमें एक चम्मच शहद मिलाकर चाटने से आपका मलेरिया का बुखार ठीक हो जाता है। कुछ लोगों का सोते समय रात को नींद में वीर्य अपने आप निकल जाता हो तो एक कप सेब के रस में आधा चम्मच कलौंजी का तेल मिलाकर इसका दिन में 2 बार सेवन करने से बहुत फायदा होता है और इससे स्वप्नदोष दूर हो जाता है। एक कप पानी में 50 ग्राम के लगभग हरा ताज़ा पुदीना उबाल लें। अब इस पानी में आधा चम्मच कलौंजी का तेल मिलाकर सुबह खाली पेट एवं रात को सोते समय सेवन करें। इससे 21 दिनों में खून की कमी दूर होती है। रोगी को खाने में खट्टी वस्तुओं का उपयोग नहीं करना चाहिए। यदि आपको बहुत ज़्यादा और बार-बार छींके आती हैं तो आप कलौंजी के बीजों को पीस लें और दिन में 15 से 20 बार इसको सूंघें। कलौंजी की भस्म को बवासीर के मस्सों पर नियमित रूप से लगाने से बवासीर की बीमारी ठीक हो जाती है।

किसी को चोट लग जाये या मोच आ जाने के कारण शरीर के उस भाग में सूजन आ गई हो तो उसे दूर करने के लिए आप कलौंजी को पानी में पीस कर सूजन वाली जगह पर लगाएं, इससे सूजन दूर हो जाएगी और दर्द में भी आराम मिलेगा। कलौंजी के बीजों को पीसकर हाथ पैरों पर लेप करने से आपके हाथ-पैरों की सूजन दूर होती है। पथरी के रोगों में आप 250 ग्राम कलौंजी के बीजों को पीसकर 125 ग्राम शहद के साथ मिला लें और फिर इसमें आप आधा कप पानी और आधा चम्मच कलौंजी का तेल मिला लें। इसको आप रोज़ाना 2 बार खाली पेट इसका सेवन करें इस तरह से आपको 21 दिन तक इसको पीने से पथरी गलकर पेशाब के रास्ते बहार निकल जाती है।

यदि किसी प्रसूता के स्तनों में दूध नहीं उतरता या बहुत कम मात्र में दूध निकलता हो तो कलौंजी को लगभग एक ग्राम की मात्रा उसको प्रतिदिन सुबह-शाम दे सकते हैं। इससे प्रसूता स्त्री के स्तनों में दूध बनता है। किसी को बार – बार या बहुत ज़्यादा हिचकियाँ आती हों तो एक ग्राम पिसी कलौंजी शहद के साथ मिलाकर चाटने से हिचकी आनी बंद हो जाती है। इसके अलावा कलौंजी आधा से एक ग्राम की मात्रा को मठ्ठे (दही ) के साथ रोज़ाना 3-4 बार सेवन से भी हिचकी आना बंद हो जाती है। एक उपाय और है आप कलौंजी का चूर्ण 5 ग्राम मक्खन के साथ रोज़ खाएं 4- 6 दिन में हिचकी आने का रोग दूर हो जाता है।

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