उत्तराखंड में बीते दिनों भयंकर तूफान से लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा है। मौसम के बिगड़े मिजाज के चलते केदारनाथ और बद्रीनाथ में भी बर्फबारी हुई। जिसके चलते श्रद्धालुओं को काफी समस्या हुई बर्फबारी की वजह से यहां हवाई सेवाएं भी बंद कर दी गई थी। इस दौरान दर्शन करने केदारनाथ धाम पहुंचे उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भी फंस गए थे। हवाई सेवाएं बंद होने की वजह से उनको मौसम साफ होने का इंतेजार करना पड़ा।
मौसम विभाग की जानकारी के अनुसार वैसे तो उत्तराखंड से खतरा टल चुका है, लेकिन विभाग ने दोबारा मौसमस के मिजाज बिगड़ने की आशंका जताई है। मौसम विभाग के वैज्ञानिक ने भारत खबर के साथ बातचीत में बताया कि मौसम बिगड़ने की शुरूआत हुई थी अब धीरे धीरे मौसम ने पूर्वी और नॉर्थ-ईस्ट की तरफ मूव कर लिया है। हालांकि मौसम विभाग ने उत्तराखंड में फिलहाल खतरा चलने की खबर दी है, लेकिन जल्द ही प्रदेश में मौसम के दोबारा बिगड़ने के भी अंदेशे दिए हैं।
मौसम विबाग ने कहा कि उत्तराखंड की अगर बात करें तो सिस्टम करीब करीब यहां से निकल चुका है। तो यहां अब अंदर के डिस्ट्रीक्टस में आफटरनून आवर्स में रेनफॉल की बहुत लाइट एक्टिवीटीज रहेंगी। जो सीजनल होती हैं। तो आ कह सकते हैं 12 तक कोई खास एक्टीविटी नहीं है। 13 तारीख से थोड़ा मॉइस्चर फ्लो फिर से हमें मिलने वाला है। तो उसकी वजह से आफ देंखेंगे कि 13-14 से फिर से एक्टीविटी शुरू हो जाएगी प्रदेश में।
केदारनाथ के साथ बद्रीनाथ में भी बर्फबारी देखने को मिली है। बताया जा रहा है कि 12 साल बाद बद्रीनाथ में बर्फबारी हुई है इसकी वजह पूछे जाने पर अधिकारी ने कहा कि बर्फबारी के लिए सबसे इंपोर्टेंट फेक्टर होता है टेंपरेचर, वो कम होना चाहिए। तो अगर टेंपरेचर फेवरेबल कंडीशन में है तो स्नो फॉल हो सकती है।
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गौरतलब है कि खराब मौसम के चलते उत्तराखंड में हवाई यात्रा रोक दी गईं हैं, इस वजह से भारी संख्या में श्रद्धालू केदारनाथ और बद्रीनाथ में फंस गए हैं। केदारनाथ में लगातार बारिश और बर्फबारी के चलते तीन ईंच से अधिक बर्फ जम गई है। सोमवार को केदारनाथ में सुबह से ही मौसम का मिजाज बिगड़ा रहा। सुबह 10 बजे के बाद शुरू हुई बारिश और बर्फबारी करीब साढ़े पांच घंटे तक जारी रहा। मौसम खराब होने बावजूद बाबा केदार के भक्तों के उत्साह में कमी नहीं आई। श्रद्धालु बरसाती ओढ़कर अपनी बारी का इंतजार करते रहे।