नई दिल्ली। देश के चर्चित सबसे बड़े बैंक घोटाले को अंजाम देने वाले नीरव मोदी और उसके मामा मेहुल चौकसी के पार्सपोर्ट को विदेश मंत्रालय ने रद्द कर दिया है। इनके पासपोर्ट 16 फरवरी को स्सपेंड किए गए थे। दरअसल मंत्रालय ने इन दोनों मामा-भांजे के पार्सपोर्ट रद्द करने को लेकर ऑथोरिटी से जवाब मांगा था। मिली जानकारी के मुताबिक बताया जा रहा है कि जवाब न आने के बाद दोनों के पार्सपोर्ट्स को रद्द किया गया है। वहीं दूसरी तरफ ईडी ने शनिवार को नीरव की 523 करोड़ की 21 संपत्ति को जब्त कर लिया है, जिसके बाद ईडी नीरव की संपत्ति से कुल 6,393 करोड़ रुपये की प्रोपर्टी और समान को जब्द कर चुकी है।
शनिवार को जब्द की गई संपत्ति में छह रिहायशी परिसर, 10 परिसर, पूणे स्थित दो फ्लैट, एक सोलर पावर प्लांट, अलीबाग का फार्म हाउस औैर अहमदनगर जिले की 135 एकड़ भूमि शामिल है। आवासीय परिसरों में वर्ली स्थित समुद्र महल अपार्टमेंट का एक पैंटहाउस और एक फ्लैट भी शामिल है। पीएनबी घोटाले के खुलासे से पहले देश छोड़कर भाग चुके नीरव, उसकी पत्नी एमी और मामा व गीतांजलि ग्रुप के प्रमुख मेहुल चौकसी को ईडी ने नया समन जारी कर 26 फरवरी को तलब किया है। ईडी के साथ ही सीबीआई, आयकर विभाग सहित कई एजेंसियां इस घोटाले की जांच कर रही हैं।
उधर, गीतांजलि ग्रुप के प्रमुख मेहुल चौकसी ने अपने कर्मचारियों को पत्र लिखकर कहा है कि मौजूदा हालात में वह वेतन नहीं दे सकता।
कर्मचारी चाहें तो नौकरी छोड़ सकते हैं। यह पत्र मेहुल के वकील ने जारी किया। दूसरी तरफ मेहुल ने दावा किया कि उसने कुछ भी गलत नहीं किया और अंत में जीत सच्चाई की ही होगी। जिस तरह कई सरकारी एजेंसियों ने हमारी कंपनियां बंद कराने के लिए तबाही मचानी शुरू की है, उससे मुझे काफी दिक्कत हो रही है। अपने 3500 से अधिक कर्मचारियों को संबोधित करते हुए मेहुल ने लिखा कि बैंक खाते और अन्य संपत्ति जब्त होने के चलते वेतन देने में दिक्कत हो रही है। हालात सामान्य होने पर आपका बकाया भुगतान जरूर करूंगा।