नई दिल्ली। रिजर्व बैंक के बोर्ड की अहम बैठक जारी है। शक्तिकांत दास के गवर्नर बनने के बाद आरबीआई बोर्ड की ये पहली बैठक है। सूत्रों के मुताबिक पीसीए नियमों में ढील दी जा सकती है। साथ ही, एनबीएफसी की नकदी की दिक्कत हल करने के उपाय भी किए जाने की संभावना है। इससे पहले 19 नवंबर बोर्ड बैठक में आर्थिक पूंजी ढांचे के उपयुक्त स्तर को तय करने के लिए विशेषज्ञों की एक समिति गठित करने का निर्णय किया गया था। यह मामला रिजर्व बैंक के पास उपलब्ध 9.43 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त पूंजी के एक हिस्से को सरकार के खाते में हस्तांतरित किए जाने से जुड़ा है।
बता दें कि RBI की बोर्ड बैठक-आरबीआई के निदेशक मंडल में कुल 18 सदस्य हैं। बैठक में सरकारी बैंको के लिए त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई नियमों में ढील दिए जाने के विषय पर भी चर्चा होनी है। अभी 21 सरकारी बैंकों में से 11 पर नियमों के तहत ऋण बांटने इत्यादि पर रोक लगा दी गई है।
इन बैंकों पर हो सकता है फैसला- यह बैंक इलाहाबाद बैंक, युनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया, कारपोरेशन बैंक, आईडीबीआई बैंक, यूको बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन ओवरसीज बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स, देना बैंक और बैंक ऑफ महाराष्ट्र हैं। बृहस्पतिवार को दास ने कुछ सरकारी बैंकों के प्रमुख से उनकी चिंताएं जानने के लिए बैठक की थी। पहले हुई 19 नवंबर की बैठक में इस मुद्दे को केंद्रीय बैंक के वित्तीय पर्यवेक्षण बोर्ड को भेजने का भी निर्णय किया था।