नई दिल्ली। कृषि कानून को लेकर आज किसान आंदोलन को 22वां दिन है। इधर किसान अपनी मांगों को लेकर दिल्ली के चारों ओर डेरा डाले हुए है। वहीं दूसरी तरफ सरकार भी किसानों की एक सुनने को तैयार नहीं है। सरकार ने पहले ही कह दिया है कि कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया जाएगा। हालांकि उसमें कुछ सुधार करने की बात कही है। किसानों का आंदोलन दिनों दिन उग्र होता जा रहा है। किसानों का समर्थन करने देश के अलग-अलग हिस्सों से लोग दिल्ली पहुंच रहे हैं। इसी बीच किसानों के भारी प्रदर्शनों के देखते हुए गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी मुख्यलय में बड़ी बैठक बुलाई गई है। इस बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी पहुंचीं हैं।
किसान आंदोलन पर अगले हफ्ते होगी सुनवाई-
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में किसान आंदोलन को लेकर सुनवाई अभी टल गई है। अदालत में किसी किसान संगठन के ना होने के कारण कमेटी पर फैसला नहीं हो पाया। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि वो किसानों से बात करके ही अपना फैसला सुनाएंगे। आगे इस मामले की सुनवाई दूसरी बेंच करेगी। सुप्रीम कोर्ट में सर्दियों की छुट्टी है, ऐसे में वैकेशन बेंच ही इसकी सुनवाई करेगी। चीफ जस्टिस ने कहा कि सरकार को मौजूदा कृषि कानूनों को होल्ड पर रखने पर विचार करना चाहिए। हालांकि, सॉलिसिटर जनरल ने इसका विरोध किया जिसपर CJI ने कहा कि इसपर विचार करें। अब केस पर अगले हफ्ते सुनवाई की जाएगी। इसी बीच किसानों के भारी प्रदर्शनों के देखते हुए गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी मुख्यलय में बड़ी बैठक बुलाई गई है। इस बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी पहुंचीं हैं। इसके साथ ही, केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल भी इस बैठक में हिस्सा लेने पहुंचे हैं। बीजेपी महासचिवों के साथ बैठक की जा रही है।