लखनऊः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में बुधवार को पार्टी कार्यालय में बीजेपी की संगठन बैठक संपन्न हुई। जिसमें आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनावों को लेकर चर्चा हुई। बैठक में दोनों डिप्टी सीएम भी मौजूद रहे। साथ ही कुछ मंत्रियों को आनन-फानन में पार्टी ऑफिस बुलाया गया।
उपचुनाव में मिली हार से बीजेपी काफी परेशान
कैराना-नूरपूर उपचुनाव में सपा-बसपा गठबंधन को मिली जीत से बीजेपी काफी परेशान है। यूपी उपचुनाव में मिली करारी हार के बाद बीजेपी मंथन में जुट गई है। बीजेपी नेताओं के अनुसार, अगर 2019 में चुनाव जितना है तो सिर्फ यूपी ही नहीं हिंदी भाषी दूसरे राज्यों से भी जनता से जुड़ने और सरकार का काम नीचे तक पहुंचाने की जरूरत है।
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लोकसभा चुनाव के लिए बनाई गई रणनीति
भाजपा ने 2019 के लिए राज्य की 80 सीटें जीतने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके लिए वह जनता के बीच लोकप्रिय और प्रभावी लोगों को मौका देने की तैयारी कर रही है। 2014 में लोकसभा चुनाव और 2017 में विधानसभा चुनावों में जिस प्रकार बीजेपी ने अपनी रणनीति को लागू किया और जीत हासिल की, वैसे अब बीजेपी के रणनीतिकार यह मान रहे हैं कि उस रणनीति में ज्यादा बदलाव की स्थिति नहीं है।
बीजेपी सांसदों के कार्य पर नजर
बीजेपी पार्टी के भीतर के लोगों का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी के लिए 2019 के लोकसभा में जीत पाने के लिए सबसे बड़ी चुनौती अपने ही सांसद बन गए हैं। क्षेत्र में उनकी छवि ठीक नहीं है और कार्यकर्ताओं का असंतोष चरम पर है। पार्टी की कसौटी पर दो-तीन दर्जन से ज्यादा सांसद खरे नहीं उतर रहे हैं। ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि 2019 के लोकसभा चुनाव में इनका टिकट कट सकता है।