मेरठ: कोविड महामारी के बीच लगातार डॉक्टर अपनी मेहनत और लगन से डटे हुए हैं। इसी के बीच कई जगहों पर बड़ी लापरवाही और गैर जिम्मेदाराना हरकत के भी मामले सामने आए। मेरठ में विभाग की ऐसी ही एक लापरवाही उजागर हुई है।
मरीज की मौत की जानकारी देने में इतनी देर
कोरोना से संक्रमित एक मरीज की मौत हो गई, लेकिन यह जानकारी देने में कोविड प्रभारी और अन्य लोगों को 15 दिन लग गए। इसी मामले में डॉक्टरों को सस्पेंड कर दिया गया। राज्यपाल ने इस मामले में कड़ा एक्शन लेते हुए डॉक्टर सुधीर राठी, जो मेरठ के मेडिकल कोविड प्रभारी थे। उन को निलंबित कर दिया गया। जूनियर डॉक्टर उत्कर्ष कौशिक की भी सेवाएं खत्म कर दी गई। इनके अलावा सहायक डॉ अंशु सिंह, सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर रचना सहित कई अन्य लोगों पर एक्शन लिया गया है।
मामले में राज्यपाल ने मेरठ कमिश्नर को जांच सौंपी
उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने इस मामले में एक्शन लिया। उन्होंने मेरठ कमिश्नर से मामले की पूरी विस्तृत जानकारी मांगी और जांच करने की बात कही है। इसके साथ ही सख्त एक्शन लेने की भी बात कही। इसके अलावा एक अन्य जांच स्वास्थ्य महानिदेशक ने भी शुरू करवाई है। इस मामले में सबसे बड़ी लापरवाही यह रही कि मरने के कई दिन बाद तक परिजनों को सही जानकारी नहीं दी गई। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग का यह रवैया अब उनके लिए भारी पड़ रहा है।