लखनऊ: महापौर संयुक्ता भाटिया आज द ग्रैंड डॉक्टर किताब का विमोचन किया। संयुक्ता भाटिया ने कहा इस पुस्तक के जरिए महिलाओं के मुद्दे पर प्रखर होकर बात की गई है। इस किताब का नाम भी अच्छा है। भाटिया ने आगे कहा इस किताब का नाम भी अच्छा है। लेखिका ने लंदन में रहकर अपनी जन्मभूमि को याद किया है।
महापौर ने कहा द ग्रैंड डॉटर से ऐसा प्रतीत हो रहा है कि इसको सबको पढ़ना चाहिए। इस किताब के माध्यम से बच्चों का स्नेह नाना-नानी और दादा-दादी से दिखाया गया है। महिलाओं पर काम करना अच्छी सोच है। अल्पसंख्यक आयोग रूमाना सिद्दीकी इनके साथ काम किया है।
महिला मोर्चा में नीतू शर्मा बरेली आईं है हम उनका स्वागत करते है। महापौर होने के नाते मैं आपका स्वागत करती हूं। उरुषा राणा आ,ईं सुमन सिंह रावत की उपस्थिति में महिलाओं के प्रति जागरकता का कार्य किया गया है। मैं हमेशा महिलाओं के साथ खड़ी हूं, और आगे भी खड़ी रहू़ंगी
महिलाओं हर जगह परचम लहराया
महापौर ने कहा शाइस्ता अम्बर यह महिलाओं की लड़ाई लड़ती है। इसमें यह सफल भी हुई है। मैं इस कार्यक्रम में इसलिए आई हूं क्योकि यह कार्यक्रम महिलाओं के लिए था। यहां आकर मुझे लगा। आज महिलाओं की बात करें तो उनको अवसर कम मिले है।लेकिन जब अवसर मिला तो साबित भी किया है। एवरेस्ट की चोटी हो या तीन तलाक का मुद्दा। हमने परचम लहराया है।
पीएम-सीएम का योगदान सराहनीय
महिला को अवसर मिला तो परचम फहराया। साथी ही दूसरों को भी आगे बढ़ाया। यंत्र नारी ओज्यन्ते, तंत्र देवता रामयन्ते, इस कहावत को सबित किया। ओलंपिक में महिलाओं ने पदक जीता। रिजल्ट हम बेटियां बढ़ रहीं। पीएम-सीएम का योगदान भी लगातार मिल रहा है।
आरक्षण 33 नहीं 50 फीसदी चाहिए
महिलाओं को योजनाओं को लेकर सशक्त बनाया गया है। इन योजनाओं से आगे बढ़ने का अवसर है। महिलाओं को 33 नहीं 50 फीसदी आरक्षण मिलना चाहिए। हम देश की आधी आबादी है। महिलाओं की अपना विषय रखने के किये खुद आगे आना होगा।
हमने महिला बाजार बनाने का निर्णय है। इस बाजार में दुकानदार महिला होगी। जल्द ही इस बाजार को तैयार किया जाएगा। 15वें वित्त में पार्कों में पिंक ट्वायलेट, सभी जॉन में अधिकारियों को निर्देश दिए जाएंगे।
पुस्तक की लेखक शाहीन चिश्ती
पुस्तक की लेखक शाहीन चिश्ती ने कहा यूपी में गंगा रहती। हम गंगा को गंगा मैया कहते है। वो सबका ख्याल रखतीं है। परिवार मां बाप से बनता है। दोंनो का ख्याल रखा जाता है। लड़कियों को हर क्षेत्र में आना है। और काम करना है। भारत को सजाना है। औरतों के बिना हम विकसित नहीं हो सकते। औरतें काम करेंगी तो टैक्स बढ़ेगा। जिससे सुविधाओं का विस्तार होगा। multinationl कम्पनी में औरतों के कई साधन बनते।
महिलाएं तानाशाह नहीं होतीं। महिलाएं को आगे ले आएं। उनका हाथ पकड़कर उनको आगे बढ़ाएं। उनको सुरक्षा दें। हमें बदलाव करना होगा। 10 सालों में 35 फीसदी महिलाओं को हर क्षेत्र में जगह अलग स्वागत दें।