लखनऊः जैसे-जैसे सूबे में विधासभा चुनाव की नजदीकियां बढ़ रही है, विपक्ष अपनी चुनावी रोटियां सेकने के लिए तवे की नीचे की आग तेज करने में जुट गया गया है। जहां एक ओर समाजवादी पार्टी ने अपने नेता जनेश्वर मिश्र के जन्मदिवस पर 5 अगस्त को केंद्र और यूपी सरकार की जनविरेधी नीतियों के खिलाफ प्रदेशभर में तहसील स्तर पर साइकिल यात्रा निकालने का ऐलान किया है, तो वहीं बसपा ने भी शनिवार को मथुरा से अपने प्रबुद्ध सम्मेलन ( ब्राह्मणों को साधने) के दूसरे चरण की शुरुआत कर दी है। बता दें कि बसपा ने पहले चरण की शुरुआत अयोध्या से की थी।
सपा की साइकिल यात्रा
मेरठ सपा जिलाध्यक्ष चौधरी राजपाल सिंह और प्रदेश सचिव दिनेश गुर्जर का कहना है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देशों के मुताबिक सपा आंदोलन के नेता जनेश्वर मिश्र के जन्मदिवस पर निकलने वाली साइकिल यात्रा में केंद्र व प्रदेश सरकार की नीतियों पर हमल बोला जायेगा।
बसपा का प्रबुद्ध सम्मेलन
वहीं, बसपा के ब्राह्मण सम्मेलन के दूसरे चरण की शुरुआत शनिवार को भगवान श्रीकृष्ण की धरती मथुरा से हुई। बता दें कि बसपा के प्रबुद्ध सम्मेलन की अगुवाई पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्र कर रहे हैं। माना जा रहा है कि तीसरे फेज की शुरुआत काशी से किया जायेगा।
आरएलडी और कांग्रेस का अभियान
भाजपा के खिलाफ आरएलडी ने भी चुनावी हुंकार भर दी है। आरएलडी ने ‘चलो गांव’ की ओर मिशन तेज कर दिया है। आरएलडी के प्रवक्ता सुनील रोहटा के मुताबिक हर गांव में पार्टी वर्करों की टीम दस्तक दे रही है। गांव में सरकार की जनविरोधी नीतियों के बारे में अवगत करवा रही है।
वहीं, कांग्रेस के प्रवक्ता हरिकिशन ने बताया कि कांग्रेस ने ‘जागो सरकार’ के नारे के साथ हर वर्ग को साधने की कवायद शुरू कर दी है। कांग्रेस इस बार चुनाव में दलितों को अपनी ओर करने के मूड में नजर आ रही है। लगातार प्रदर्शन के साथ अभियान में और तेजी लाने का प्रयास जारी है।
विपक्ष को मात देने के लिए बीजेपी का मास्टर प्लान
आरएलडी का गढ़ माना जाने वाला बागपत जिला में भाजपा ने सेंधमारी शुरू कर दी है। गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वहां गन्ना किसानों की समस्याओं को लेकर गंभीर नजर आए। पार्टी नेताओं के साथ बैठक में गन्ने के दाम और भुगतान में तेजी लाने में सकरात्मक संकेत दिया।
वरिष्ठ राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि वेस्ट यूपी में आरएलडी और सपा गठबंधन को मात देने के लिए गन्ने के दाम बढ़ाना सरकार के लिए लाभदायक होगा। पिछले चार साल से यूपी में गन्ने के रेट नहीं बढ़े हैं, ऐसे में सियासत दानों का मानना है कि चुनावी साल में गन्ने के रेट को बढ़ाना सरकार के लिए अहम होगा। कहा जा रहा है कि 10 रुपये से 15 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब के गन्ने के रेट बढ़ाए जा सकते हैं।