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भाजपा के अंबेडकर प्रेम पर बरसीं मायावती, सपा-कांग्रेस पर भी साधा निशाना

Mayawati 6 भाजपा के अंबेडकर प्रेम पर बरसीं मायावती, सपा-कांग्रेस पर भी साधा निशाना

लखनऊ। योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) की सरकार द्वारा बनवाए जा रहे अंबेडकर सांस्कृतिक केंद्र (Ambedkar Cultural Centre) को लेकर अब यूपी (Uttar Pradesh) की सियासत गरमा रही है। बहुजन समाज पार्टी (Bahujan Samaj Party) की राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की चार बार की मुख्यमंत्री रह चुकीं मायावती (Mayawati) ने बीजेपी (BJP) को निशाने पर लिया है। उन्होंने अंबेडकर स्मारक बनवाए जाने को नाटकबाजी करार दिया है।

मंगलवार को राष्ट्रपति (President) रामनाथ कोविंद (Ramnath Kovind) द्वारा अंबेडकर स्मारक का वर्चुअली उद्धाटन किया गया। लोकभवन में आयोजित इस कार्यक्रम में पूरी योगी कैबिनेट मौजूद रही। बीजेपी सरकार द्वारा बनवाए जा रहे इस अंबेडकर स्मारक में ऑडिटोरियम, संग्रहालय, पुस्तकालय, शोध केंद्र आदि बनेंगे। साथ ही डॉ़ अंबेडकर की प्रतिमा भी लगवाई जाएगी।

मायावती ने एक के बाद एक ट्विट कर सपा-भाजपा दोनों को लिया निशाने पर

बसपा सुप्रीमो मायावती ने मंगलवार को एक के बाद एक चार ट्विट कर भाजपा के साथ सपा पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि- बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर व उनके करोड़ों शोषित-पीड़ित अनुयाइयों का सत्ता के लगभग पूरे समय उपेक्षा व उत्पीड़न करते रहने के बाद अब विधानसभा चुनाव के नजदीक यूपी भाजपा सरकार द्वारा बाबा साहेब के नाम पर ’सांस्कृतिक केन्द्र’ का शिलान्यास करना यह सब नाटकबाजी नहीं तो और क्या है?

मायावती ने अपने दूसरे ट्विट में कहा कि- बीएसपी परमपूज्य बाबा साहेब डा. अम्बेडकर के नाम पर कोई केन्द्र आदि बनाने के खिलाफ नहीं है, परन्तु अब चुनावी स्वार्थ के लिए यह सब करना घोर छलावा। यूपी सरकार अगर यह काम पहले कर लेती तो मा. राष्ट्रपति जी आज इस केन्द्र का शिलान्यास नहीं बल्कि उदघाटन कर रहे होते तो यह बेहतर होता।

उन्होंने सपा (SP) व कांग्रेस (Congress) पर भी निशाना साधते हुए कहा- वैसे इस प्रकार के छलावे व नाटकबाजी के मामले में चाहे बीजेपी की सरकार हो या सपा अथवा कांग्रेस आदि की, कोई किसी से कम नहीं, बल्कि दलितों व पिछड़ों आदि का हक मारने व उनपर अन्याय-अत्याचार आदि के मामले में वे एक ही थैली के चट्टे-बट्टे हैं, जो सर्वविदित है तथा यह अति दुःखद।

मायावती ने चौथे ट्विट में लिखा कि- इसी का परिणाम है कि दलित व पिछड़ों के लिए आरक्षित लाखों सरकारी पद अभी भी खाली पड़े हैं तथा इनके संतों, गुरुओं व महापुरुषों के नाम पर यूपी में बीएसपी सरकार द्वारा निर्मित विश्वस्तरीय भव्य स्थलों व पार्कों आदि की घोर उपेक्षा पिछले सपा शासनकाल से ही लगातार जारी है, जो अति-निन्दनीय है।

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