लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के मद्देनजर अखिलेश यादव ने समाजवादी पार्टी का चुनावी घोषणा पत्र जारी कर दिया है। सपा के चुनावी घोषणा पत्र आने के बाद मायावती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए पार्टी पर निशाना साधा है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए मायावती ने कहा कि सपा ने चुनावी घोषणा पत्र में सिर्फ लोक-लुभावन वादे किए हैं। मायावती ने सपा के शासनकाल पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि पांच साल के कार्यकाल में समाजवादी पार्टी का काम कम और अपराध ज्यादा बोल रहा है।
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बसपा मुखिया ने कहा कि सपा को अपने गिरेहबान में झांक कर देखना चाहिये था कि उसने अपने पिछले घोषणा-पत्र में जनता से किये गये वायदों पर ईमानदारी-पूर्वक कितना अमल किया?। मायावती ने आरोप लगाया कि सपा सरकार ने केवल एक परिवार, एक समुदाय विशेष और एक क्षेत्र का विकास किया। ऐसे में क्या 22 करोड़ से अधिक गरीब जनता का विकास हो गया है? उन्होंने कहा कि केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार की तरह अखिलेश यादव सरकार ने भी प्रचार-प्रसार पर सरकारी धन का अंधाधुंध इस्तेमाल करके आधी-अधूरी योजनाओं का ताबड़तोड़ शिलान्यास और लोकार्पण किया। जनता चुनाव में ऐसी दागी सरकार को उसके गलत कार्यकलापों की सजा जरूर देगी।
मायावती ने कहा कि प्रदेश में केवल आधुनिक पुलिस व्यवस्था करने से यहां बिगड़ी हुई कानून-व्यवस्था सुधरने वाली नहीं है, बल्कि इसके लिये इनको प्रदेश के गुण्डों, बदमाशों, माफियाओं, अराजक, भ्रष्ट व साम्प्रदायिक तत्वों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्यवाही करके, उन्हें जेल की सलाखों के पीछे भेजना चाहिये था। उन्होंने कहा कि ऐसा करने की यह हिम्मत नहीं जुटा पाये, क्योंकि इससे इनकी पार्टी ही लगभग खत्म हो जायेगी।
बसपा प्रमुख ने कहा कि इसके अलावा आज सपा मुखिया ने अपना चुनावी घोषणा-पत्र जारी करते समय यहां मेरी रही सरकार के दौरान स्थापित किये गये हाथियों का बार-बार जिक्र करके हमारी पार्टी के चुनाव चिन्ह का भी प्रचार किया है, इसके लिये हमारी पार्टी इनकी खास आभारी भी है।