नई दिल्ली। आम बजट को लेकर ब्रिटिश कालीन परंपरा को खत्म करने की दिशा में नरेंद्र मोदी सरकार गंभीरता से विचार कर रही है। खबर है कि अगले साल से इस परंपरा को खत्म किया जा सकता है। सरकार फरवरी अंत में आम बजट पेश करने के बजाए अब सरकार जनवरी के अंत तक पेश करने की योजना बना रही है।
अगर ऐसा होता है तो यह ब्रिटिश शासनकाल से चली आ रही एक परंपरा का तोड़ना ही कहा जाएगा। क्योंकि ब्रिटिश शासन काल से ही आम बजट फरवरी में पेश किए जाते रहे हैं। इसका उद्देश्य नए वित्त वर्ष से पहले बजट संबंधी कार्य पूरा करना है। बता दें कि नया वित्त वर्ष अप्रैल से शुरू होता है। इससे पहले शाम 5 बजे बजट पेश करने की परंपरा को सुबह 11 बजे करने की पहल 1999 में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने की थी।
आर्थिक नीतियों के मद्देनजर सरकार ने अगले वित्त वर्ष में ठोस कदम उठाने के संकेत दिए हैं। बजट के साथ ही सरकार वित्तीय वर्ष में कुछ हफ्तों के विस्तार के लिए संसद की मंजूरी चाहती है।