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…कहीं इस वजह से भोपाल जेल से भागे तो नहीं आतंकी

bhopal ...कहीं इस वजह से भोपाल जेल से भागे तो नहीं आतंकी

भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल की केंद्रीय जेल से प्रतिबंधित संगठन स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के आठ विचाराधीन कैदियों के फरार होने को लेकर सुरक्षा पर उठ रहे सवालों के बीच एक बड़ा खुलासा हुआ है कि 80 प्रहरी मंत्रियों और अफसरों की सुरक्षा में लगे हुए हैं। सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय जेल में पदस्थ सुरक्षा प्रहरियों की संख्या 160 है, मगर इनमें से 80 प्रहरी राज्य सरकार के मंत्रियों से लेकर प्रशासनिक अधिकारियों, पूर्व मंत्रियों के यहां अपनी सेवाएं दे रहे हैं, लिहाजा जिस जेल की सुरक्षा के लिए 160 प्रहरियों की जरूरत है, वहां सिर्फ आधे ही तैनात हैं। इस स्थिति में जेल की सुरक्षा में सेंध लगना स्वाभाविक है।

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ज्ञात हो कि इसी जेल से एक प्रहरी रमाशंकर यादव की गला रेतकर हत्या करने के बाद प्रतिबंधित संगठन स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के आठ विचाराधीन कैदी के फरार हो गए थे। बाद में उन्हें पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया। इस घटना के बाद से ही जेल की सुरक्षा पर सवाल उठ रहे हैं और आश्चर्य व्यक्त किया जा रहा है कि सिमी के विचाराधीन कैदी प्रहरी की हत्या कर 20 फुट से उंची दीवार को फांदकर भागने में कैसे कामयाब हुए?

कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष अरुण यादव ने कहा, जेल प्रहरियों के मंत्रियों और अफसरों की सुरक्षा में तैनात होना जेल की सुरक्षा में ढील की पुष्टि करता। इतना ही नहीं, इससे यह भी साफ हो जाता है कि प्रदेश की जेलों की सुरक्षा भगवान भरोसे है। जेल मंत्री कुसुम महदेले के यहां भी केंद्रीय जेल के तीन प्रहरियों के ड्यूटी करने की बात सामने आई है। इस पर महदेले ने शुक्रवार को संवाददाताओं से कहा कि यह गिनती बढ़ा चढ़ाकर बताई गई है। उनके यहां एक वाहन चालक है और दो सुरक्षा कर्मी तैनात हैं। उन्होंने कहा कि वह जांच कराएंगी और जो प्रहरी जेल के बाहर सेवाएं दे रहे होंगे, उन्हें वहां से हटाया जाएगा।

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