साल 2022 में मौनी अमावस्या 31 जनवरी यानी कल से शुरू हो रही है। अमावस्या 1 फरवरी मंगलवार को सुबह 11 बजकर 16 मिनट पर समाप्त होगी। काससर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए मौनी अमावस्या बेहद खास मानी जाती है।
मौनी अमावस्या 2022: कल से शुरू होगी मौनी अमावस्या
साल 2022 में मौनी अमावस्या 31 जनवरी यानी कल से शुरू हो रही है। अमावस्या 1 फरवरी मंगलवार को सुबह 11 बजकर 16 मिनट पर समाप्त होगी। काससर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए मौनी अमावस्या बेहद खास मानी जाती है। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक जिन जातकों की कुंडली में कालसर्प दोष होता है, उनकी लाइफ अत्यंत कठिन और संघर्षों से भरी होती है।
माघ कृष्ण पक्ष की अमावस्या कहलाती है मौनी अमावस्या
माघ कृष्ण पक्ष की अमावस्या मौनी अमावस्या कहलाती है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, माघ कृष्ण अमावस्या को मौनी अमावस्या के रूप में मनाते हैं। इस दिन माघ का दूसरा शाही स्नान होता है। प्रयागराज में हर साल लगने वाले माघ मेले में मौनी अमावस्या को लाखों को श्रद्धालु त्रिवेणी संगम में स्नान करने को पहुंचते हैं।
मौनी अमावस्या के दिन क्या करें?
- मौनी अमावस्या के दिन किसी पवित्र नदी या घर में ही गंगाजल युक्त पानी से स्नान करें। इसके बाद भगवान शिव की पूजा करें। शिव-पूजन के वक्त शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करना लाभकारी होता है। शिव की कृपा से कालसर्प दोष दूर हो सकता है।
- इस दिन चांदी के नाग-नागिन की पूजा करने से कालसर्प दोष शांत होता है। पूजन के बाद नाग-नागिन के इन स्वरूपों को सफेद फूलों के साथ किसी नदी में प्रवाहित करें।
- शाम के समय घर के ईशान कोण में गाय के घी का दीया जलाएं। दीपक की बाती में रुई की जगह लाल धागे का इस्तेमाल करना शुभ होता है।
- मौनी अमावस्या को पीपल के पेड़ की पूजा करना व परिक्रमा करके धागा लपेटने का भी प्रचलन है। गरीबों को अन्न व वस्त्र दान करें। माना जाता है कि इस दिन स्नान-दान से कई गुना शुभ फल प्राप्त होता है।
- इस बार माघ अमावस्या साल 2022 की पहली सोमवती अमावस्या है। इसलिए इस अमावस्या का महत्व और बढ़ जाता है। लेकिन इस बार अमावस्या दिन रहेगी जिससे लोग सोमवार व मंगलवार दोनों दिन स्नान-दान का पुण्य प्राप्त कर सकेंगे।