कोरोना को लेकर दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में बरती गई बड़ी लापरवाही को लेकर मौलाना साद पर मुकदमा दर्ज किया गया था। सके बाद से वो फरार चल रहे थे।
नई दिल्ली। कोरोना को लेकर दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में बरती गई बड़ी लापरवाही को लेकर मौलाना साद पर मुकदमा दर्ज किया गया था। सके बाद से वो फरार चल रहे थे। उनकों लेकर खबर आ रही है कि वो जुमे नमाज के लिए घर से बाहर निकले। सूत्रों का कहना है कि मौलाना साद को जाकिर नगर में देखा गया वो जुमे की नमाज के लिए घर से बाहर निकले थे। मौलाना साद मामला दर्ज होने के बाद से सेल्फ क्वारंटाइन होने का बाहाना बनाकर पुलिस की पकड़ से दूर रहे। मौलाना ने अभी तक दिल्ली पुलिस को अपनी कोरोना रिपोर्ट भी नहीं दी है।
बता दें कि सूत्रों का कहना है कि दिल्ली के जाकिर नगर वेस्ट इलाके में मौलाना साद ने जुम्मे की नमाज अदा की। वह दोपहर के वक़्त मस्जिद में पहुंचे और थोड़ी देर रुककर वापस चले गए। निजामुद्दीन स्थित मरकज में लॉकडाउन के दौरान तबलीगी जमात का आयोजन करा कर चर्चा में आने वाले मौलाना साद पहली बार घर से बाहर निकलते नजर आए। दिल्ली पुलिस इस बात की जांच में लगी हुई कि मौलाना कब घर से बाहर आए और कब मस्जिद से घर वापस गए।
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फंडिंग मामले पर एजेंसियों की विशेष नजर
अबतक की जांच के आधार पर जांच एजेंसियां मरकज के फंडिंग कनेक्शन पर अपनी बारीक नजर गड़ा रखी हैं। इसलिए क्राइम ब्रांच और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) दोनों ही एजेंसियों का शिकंजा कसता जा रहा है। जांच टीम के निशाने पर एक ट्रस्ट भी है, जिसकी भूमिका संदेह के घेरे में है। क्राइम ब्रांच सूत्रों की मानें तो इस ट्रस्ट को लेकर मौलाना साद समेत कुल 11 लोगों की भूमिका की जांच हो रही है। उधर करीब 18 नंबरों की जांच के दौरान मौलाना साद, उनके के बेटों और जमात के पदाधिकारियों व करीबी रिश्तेदारों के पूरे नेटवर्क की जांच की जा रही है।