नई दिल्ली। मथुरा के जवाहर बाग में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हुयी मुठभेड़ की रविवार से जांच शुरु हो गई। अलीगढ़ के कमिश्नर ने घटनास्थल का दौरा किया। वहीं लोगों के गुस्से के चलते जिला अधिकारी राजेश कुमार और पुलिस अधीक्षक को निलंबित किये जाने की संभावना है। रविवार को मुख्यमंत्री के आवास पर एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की गई। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक डीएम को जवाहर बाग में हुये हादसे के बारे में कोई जानकारी नहीं थी।
दूसरी ओर भाजपा कार्यकर्ताओं को प्रदर्शन करने पर गैर-कानूनी गतिविधियों के चलते हिरासत में लिया गया। एसीपी कमलेश दीक्षित ने बताया कि सपा नेता संभल महमूद अख्तर की शिकायत पर भाजपा के 50 कार्यकर्ताओं पर मालवीय चौक में गैर-कानूनी धरना प्रदर्शन करने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। प्रदर्शन के दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का पुतला जलाया और सरकार के खिलाफ नारे लगाये। आईपीसी की धारा 143 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।
वहीं पुलिस अधिकारियों ने मथुरा में मारे गये पुलिस वालों के परिजनों को 76 लाख की सहायता राशी देने का निर्णय लिया है। अतिरिक्त एसपी ग्रामीण अरुण कुमार ने बताया कि गजट अधिकारी अपने 7 दिनों की सब-इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारी पांच दिनों की और एसआई के नीचे के पुलिसकर्मी अपने तीन दिनों की सैलरी देंगे। जिला प्रशासन के अफसरों और कर्मचारियों ने भी अपने एक दिन की सैलरी देने का निर्णय लिया है।