मथुरा: होली का असली पर्व श्री कृष्ण की नगरी मथुरा में ही मनाया जाता है। देश दुनिया से भारी संख्या में लोग यहां खूब मस्ती करने आते हैं। हर वर्ष बसंत पंचमी के दिन से ही यहां होली महोत्सव शुरू हो जाता है।
अगले 50 दिनों तक होगा महोत्सव
बसंत पंचमी माघ महीने में पड़ती है, यह शुक्ल पक्ष की पंचमी होती है। इसी दिन से पूरा ब्रज एक अलग ही माहौल में लीन हो जाता है। भगवान श्री कृष्ण और राधा रानी की भक्ति में सभी लग जाते हैं। बसंत पंचमी के दिन से ही होली की मस्ती शुरू हो जाती है। इसी दिन से होली गीत भी लोग गुनगुनाने लगते हैं।
कुल 50 दिनों तक चलने वाला यह होली महोत्सव होलिका दहन तक होता है। बसंत पंचमी के दिन भगवान को गुलाल लगाया जाता है।
इन मंदिरों में खेली जाएगी होली
इस दिन श्री कृष्ण के जन्म स्थान के अलावा शाह बिहारी मंदिर, बांके बिहारी मंदिर और बरसाना के राधा रानी मंदिर में पहली बार होली खेली जाती है। बरसाना की राधा रानी मंदिर को लाड़िली जू मंदिर के नाम से भी जाना जाता है।
बसंत पंचमी के दिन विद्या की देवी की भी पूजा
होली महोत्सव और होली के रंगों के बीच बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की भी पूजा की जाती है। इस दिन विद्यार्थी और सभी लोग विद्या की देवी की आराधना करते हैं। उनसे ज्ञान, बुद्धि और अच्छी शिक्षा की कामना करते हैं।