यूपी के बलरामपुर में तीन माहीने पहले हुई बड़ी डकैती के मास्टर माइंड को एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस के लिए ये घटना बड़ी चुनौती बनी हुई थी। वो भी तब जब डकैतों ने पुलिस के लिए कोई भी सुराग नहीं छोड़ा। जब जिले की पुलिस व क्राइम ब्रांच डकैती के मास्टर माइंड को नहीं पकड़ पाई तो इसकी गिरफ्तारी का जिम्मा एसटीएफ को सौपा गया। एसटीएफ ने जाल बिछाकर मास्टर माइंड को गिरफ्तार कर लिया। घटना में शामिल 6 अपराधी अब सलाखों के पीछे हैं।
बलरामपुर में 7 मई की रात कोतवाली नगर क्षेत्र के सुगना फूड्स प्राइवेट लिमिटेड के कार्यालय पर बदमाशों ने धावा बोलकर कर्मचारियों को बंधक बनाकर 15 लाख रूपए की लूट की थी और फरार हो गए थे। जिले में मुर्गियों का कारोबार करने वाली इंटरनेशनल कंपनी सुगुना फूड्स प्राइवेट लिमिटेड के दफ्तर पर सशस्त्र बदमाशों ने धावा बोला था। बदमाश दरवाजे की सिटकनी व ताला तोड़कर अंदर घुस गए। दफ्तर के बगल के उसी कमरे में तीन कर्मचारी मौजूद थे और वहीं पर लाकर में करीब 15 लाख रूपये कैश रखा था।
बदमाशों ने कर्मचारियों से लॉकर में रखे रूपए निकालकर उन्हें देने को कहा जब कर्मचारियों ने मना किया तो बदमाशों ने उनकी जमकर पिटाई कर डाली। बदमाशों ने कर्मचारियों को डराने के लिए हवाई फायरिंग भी की थी। कर्मचारियों ने मजबूरन तिजोरी का ताला खोलकर उसमें रखा सारा कैश बदमाशों के हवाले कर दिया। मामले में पुलिस ने घटना में शामिल 6 डकैतों में से तीन अहमद हसन, अली अकबर व भोलू को 21 मई को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था जबकि 2 डकैत अतुल सिंह व अभय प्रताप ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया था।
लाख प्रयास के बाद भी घटना का मास्टर माइंड मोनू सिंह पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ रहा था। मास्टर माइंड की गिरफ्तारी के जिले की पुलिस ने एसटीएफ का सहारा लिया। घटना की जानकारी लेने के बाद एसटीएफ ने चार जिलों में जाल बिछाकर तीन अगस्त को मास्टरमाइंड डकैत मोनू सिंह कि गिरफ्तारी कर ली। मोनू के खिलाफ गोण्डा, बहराइच और श्रावस्ती जिले के थानों में आपराधिक मामले दर्ज हैं। मोनू पहले इसी कंपनी से अपना मुर्गीफार्म चलाता था। घटना से पहले अभियुक्तों ने घटना स्थल की रेकी भी की थी।