पठानकोट। रविवार को जम्मू-कश्मीर के उरी में आतंकवादियों ने सेना के ब्रिगेड ऑफिस पर हमला किया था जिसमें भारत के कई जवान शहीद हो गए थे। इन जवानों में से 20 डोगरा यूनिट के हवलदार मदन लाल शर्मा का नाम भी शामिल है। मदन लाल को गुरुवार को उनके पैतृक गांव में अंतिम विदाई दी गई। शहीद को आखिरी विदाई देने के लिए पूरा गांव उमड़ पड़ा और सभी ने नम आंखो से इस अमर जवान को आखिरी सलामी दी।
जैसे ही शहीद का पार्थिव शरीर उनके गांव लाया गया वैसी ही चारों ओर भारत माता की जय के नारों से गूंज उठा। इस मौके पर शहीद के ढाई साल के बेटे और पांच साल की बेटी ने अपने पिता को सलामी दी और उनकी बूढ़ी मां अपने आप को बेटे को कंधा देने से नहीं रोक पाई।
मदन लाल की शहादत पर एक तरफ जहां लोगों की आंखे नम है तो वहीं लोगों के मन में आक्रोश भी है। पूरे गांव के साथ-साथ उनका परिवार वाले भी मोदी सरकार से पाकिस्तान से बदला लेने की मांग कर रहें हैं। परिवार की मांग है कि समय आ गया है जब पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। इसके साथ ही परिवारवालों ने सरकार के सामने कुछ शर्तें भी रखी है जिसमें शहीद की पत्नी के लिए नौकरी की मांग भी शामिल है।
इसके साथ ही परिवारवालों ने बताया कि आखिरी बार जब उनसे परिवारवालों की बात हुई थी तो उन्होंने कहा था कि बेटे का मुंडन बाद में करा लेंगे अभी कश्मीर के हालात ठीक नहीं है। बता दें कि मदन लाल ने साल 1999 में सेना में सेना में भर्ती हुए थे। मदन लाल की शहादत की खबर के लिए उनकी पत्नी पास फोन आया था और सेना अधिकारी ने घर में किसी बड़े से बात करवाने को कहा था जिसके बाद उन्होंने पड़ोसी देवदत्त को बुलाया जिसके बाद उन्हें इस खबर का पता चला।