नई ताकत के साथ उभर रहा किसान आंदोलन, राकेश टिकैत के समर्थन में आए कई नेता

नई दिल्ली। टैक्टर रैली में हुई हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस ने गुरुवार सुबह से ही आरोपियों पर शिकंजा कसना शुरु कर दिया और शाम होते होते गाजिपुर बाॅर्डर को खाली करने के आदेश जारी हो गए। आधी रात में गाजीपुर बाॅर्डर पर हाई वाॅलटेज ड्रामा हुआ। राकेश टिकैत जानकारी देते हुए मीडिया कार्मियों के सामने रोने लगे और कहने लगे कि सरकार ने किसानों को मारने की साजिश की। इसी के साथ राकेश टिकैत ने सरकार पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि धरनास्थल पर बीजेपी के विधायक और 300 लोग आए और किसानों को मार रहे हैं। आधी रात को राकेश टिकैत के गांव से हजारों किसान गाजिपुर बाॅर्डर पहुंचे हैं।
आपके बतादें कि हजारों की संख्या में किसान गाजीपुर बॉर्डर पहुंच रहे हैं। गांवों से किसान राकेश टिकैत के लिए पानी और मट्ठा लाए हैं। बीते दिन से ही राकेश टिकैत अनशन पर हैं और उन्होंने ऐलान किया था कि वो गांव का ही पानी पिएंगे।
भावुक हुए राकेश टिकैत-
भावुक हुए टिकैत ने यह भी कहा कि वह आत्महत्या कर लेंगे, लेकिन वह अब आत्मसमर्पण नहीं करेंगे। हम यहां तीन कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन करने आए थे और लेकिन खाली हाथ वापस नहीं जाएंगे। यह देश के किसानों के साथ अन्याय है। तीन कानूनों को निरस्त किया जाना चाहिए और हमारा आंदोलन तब तक चलता रहेगा, जब तक तीनों कानूनों को वापस नहीं लिया जाता है। मैं किसानों के हक के लिए लड़ता रहूंगा।”
राधी रात यूपी से पहुंचे किसान-
राकेश टिकैत के भावुक होने के बाद गाजिपुर बॉर्डर पर देर रात धीरे-धीरे किसानों की संख्या में इजाफा होने लगा। टिकैत के समर्थन में आसपास के इलाकों से भी लोग आने लगे। हरियाणा के जींद, हिसार, भिवानी और गाजियाबाद से किसानों के लौटने की तस्वीरें आई हैं। सभी किसानों ने साफ कर दिया है कि वे किसी भी हाल में आंदोलन को कमजोर या खत्म नहीं होने देंगे। बड़ी बात यह है कि इस बॉर्डर पर कल दोपहर बाद से ही तनाव की स्थिति बनी हुई थी, लेकिन देर रात बॉर्डर से अचानक सुरक्षाकर्मियों को हटा लिया गया। दोपहर से ही कयास लगाए जा रहे थे कि बॉर्डर पर कुछ बड़ा होने वाला है, लेकिन अब स्थिति सामान्य नजर आ रही है।
राकेश टिकैत के समर्थन में आए कई नेता-
गौरतलब है कि राकेश टिकैत के भावुक हो जाने के बाद अब उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, बसपा सुप्रीमो मायावती और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी उनके समर्थन में आ गए हैं। इतना ही नहीं दिल्ली सरकार के कई मंत्री आज पानी और टॉयलेट की सुविधाओं का जायजा लेने गाजिपुर बॉर्डर जाएंगे।
आंदोलन को हुआ नुकसान-
दरअअल हिंसा के अगले ही दिन भारतीय किसान यूनियन (लोक शक्ति) और भारतीय किसान यूनियन (भानू) ने आंदोलन खत्म करने का एलान कर दिया था। ये दोनों संगठन पिछले दो महीनो से आंदोलन कर रहे थे। इनके जाने के बाद कयास लगने लगे की अब आंदोलन कमजोर हो गया है। इतना ही नहीं हिंसा के बाद आंदोलन को लेकर लोगों के मन में गलत धारणा भी पैदा हो गई, जिससे इस आंदोलन को बहुत नुकसान हुआ।