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जिंदगी और रिश्तों को खूबसूरत बना रहा मनु का PINK STUDIO

जिंदगी और रिश्तों को खूबसूरत बना रहा मनु का PINK STUDIO

लखनऊ । कुछ लोग जिंदगी और रिश्तों को खूबसूरत बनाते हैं। उनसे मिलने के बाद चेहरे खिल जाते हैं और होठों पर मुस्कान तैरने लगती है। लखनऊ की मनु सक्सेना भाटिया भी ऐसे ही लोगों में शुमार हैं। पिंक स्टूडियो की फाउंडर और ओनर मनु चेहरे सजाती हैं, साथ में रिश्ते भी।

मनु लखनऊ की रहने वाली हैं। कायस्थ परिवार में पैदा हुईं।  पिता उदय कुमार सक्सेना स्टेट बैंक में चीफ मैनेजर थे। परिवार के ज्यादातर लोग नौकरीपेशा थे। पढ़ाई पूरी होने के बाद मनु ने भी नौकरी की डगर पकड़ी।

 जिंदगी और रिश्तों को खूबसूरत बना रहा मनु का PINK STUDIO

रिश्ते बनाने के पेशे में आई मनु

मनु में भारत मैट्रीमनी में नौकरी शुरू की। दूसरे शब्दों में कहें तो उन्होंने ऐसा पेशा चुना जो लोगों के रिश्ते बनाता था। परिवार की इस इकलौती बेटी ने रिश्तों और समाज की सोच को नौकरी के दौरान ठीक से जाना-समझा।

शादी बन गई अखबारों की सुर्खियां

मनु सक्सेना की शादी मनु भाटिया से हुई। एक ही नाम के दो लोगों की शादी हुई 11 दिसंबर 2013 को। यानी 11,12,13 को। ऐसे में यह शादी अखबारों की सुर्खियां बनीं। तनु वेड्स मनु के साथ मनु वेड्स मनु भी छाया रहा। मनु आज भी शादी के लम्हे को याद करके खिलखिलाकर हंस पड़ती हैं।

आपके पति और परिवार के लोग जब आपके साथ खड़े होते हैं तो हर मुश्किल आपसे दूर भाग जाती है। मेरे पति हमेशा मेरा हौसला बढ़ाते हैं। मुझे कभी हारने-थकने नहीं देते। सही मायनों में मेरी असली ताकत मेरे पति और मेरा परिवार ही है। अपनों का साथ हो आपके रास्ते में आने वाली हर रुकावट आसानी से दूर हो जाती है।

नौकरी को अलविदा कह पति आए बिजनेस में

मनु और उनके पति मनु दोनों नौकरी कर रहे थे। जिंदगी में सबकुछ ठीक-ठाक चल रहा था। मगर ठहराव दोनों को पसंद नहीं था। ऐसे में मनु ने बीपीएल की नौकरी छोड़कर अपना सर्जिकल उपकरणों का काम शुरू किया। पति के बिजनेस में आने के बाद मनु भी कुछ नया करने की सोचने लगीं।

घर बसाने के बाद आया चेहरे सजाने का ख्याल

रिश्ते जोड़ने का काम कर रही मनु ने एक दिन नौकरी से इस्तीफा दे दिया। अब उनके दिमाग में चेहरे और रिश्ते सजाने का आइडिया आया। मनु ने अपना स्टूडियो बनाने की सोची। पति और घरवालों ने मनु का हौसला बढ़ाया। मनु के हौसले ने लखनऊ को नया स्टूडियो दिया। इसका नाम पड़ा-पिंक स्टूडियो।

मेरी जिंदगी में सबकुछ ठीक चल रहा था। अच्छी खासी नौकरी थी। मैंने नौकरी छोड़ने का फैसला किया तो लोगों ने कहा क्या कि क्या कर रही हो। मैंने लोगों की जगह अपने दिल की सुनी। वह चुना जो मैं चाहती थी। एक ऐसी जिंदगी जहां ठहराव की जगह रोज कुछ नया करने को हो।

लॉकडाउन में हौसला बनकर साथ खड़ा रहा परिवार

मनु बताती हैं, पिंक स्टूडियो खोलने के कुछ ही समय बाद देश में लॉकडाउन हो गया। मेरे लिए यह एकदम अलग अनुभव था। नौकरी छोड़ने के बाद कारोबार शुरू किया था। लॉकडाउन में सजना-संवरना सबसे बाद की बात हो गई। मुश्किल वक्त में मेरे पति और परिवार के लोग मजबूती से मेरे साथ खड़े रहे। अपनों का साथ था, इसलिए बुरा वक्त आराम से गुजर गया।

 जिंदगी और रिश्तों को खूबसूरत बना रहा मनु का PINK STUDIO

आप जैसा सोचते हैं वैसी ही हो जाती है दुनिया

मनु कहती है कि दुनिया की हर अच्छी बुरी चीज आपके माइंडसेट पर निर्भर करती है। आप जैसा सोचते हैं, दुनिया वैसी ही हो जाती है। आप जब अच्छा सोचते हैं तो चीजें अपने आप बेहतर होने लगती हैं। बस यह समझ लीजिए कि दुनिया को देखने का आपका जो नजरिया है वही आपकी सफलता या असफलता निर्धारित करता है।

दूसरों के टारगेट नहीं, अपने सपनों के लिए जीना जरूरी

नौकरी करते हुए आप केवल दूसरों के टारगेट पूरे करते हैं। जो आपके बताकर आप पर लाद दिए जाते हैं। आप जो सपने देखते हैं, उसके लिए जीना जरूरी हैं। सपनों को जीने के लिए आपको दूसरों के टारगेट जोन से बाहर निकलना होगा। वह करना होगा जो आप चाहते हैं। शुरुआत मुश्किल हो सकती है मगर सफलता का स्वाद सारी मुश्किलों को भुला देता है।

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दादी-नानी से संस्कार लेकर बढ़ रही हैं बेटी आरना

मनु की एक बिटिया आरना हैं। पांच साल की आरना दादी-नानी से संस्कार लेकर बढ़ रही हैं। वह दोनों के साथ समय बिताती हैं। मां की व्यस्तता में उन्हें दादी और नानी से किस्से कहानियां सुनना पसंद हैं। कभी-कभी स्टूडियो आकर वह मनु के साथ खेलती हैं। मनु कहती हैं, काम के बाद बेटी और परिवार मेरी प्राथमिकता होता है।

दुनिया को समझने के लिए घूमना फिरना जरूरी

मनु कहती हैं, दुनिया को समझने के लिए घूमना फिरना जरूरी है। जब भी वक्त मिलता हैं मैं अपने पति मनु और बेटी आरना के साथ घूमने जाती हूं। बच्चों के साथ आपकी बॉंडिंग मजबूत रहे इसके लिए उन्हें वक्त देना और उनके साथ बात करना जरूरी है। काम के बीच में ब्रेक लेना आपको हमेशा फिर से तरोताजा कर देता है।

जिंदगी में पैसा ही सबकुछ नहीं है। जरूरी नहीं कि आप लाखों-करोड़ों कमाएं। आप जो भी कमाएं उसमें आप और आपका परिवार खुश रहे। घर में सबके चेहरों पर मुस्कान हो। इसी में असली खुशी है। असली ऐश पैसों में नहीं, अपने सपनों को जीने में है। पैसों का ढेर लगा हो और आपके चेहरे से मुस्कान गायब हो, ऐसी जिंदगी मुझे कभी नहीं चाहिए।

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