दिल्ली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपने माफीनामे को लेकर एक बार फिर से निशाने पर आ गए हैं। बता दें कि केजरीवाल ने मानहानि के मामले में वित्त मंत्री अरूण जेटली से माफी मांगी थी जिसके बाद बीजेपी ने उनपर हमला बोला है। दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी ने केजरीवाल को निशाने पर लेते हुए कहा कि सिर्फ 6 साल के अपने सार्वजनिक जीवन के बाद आज अरविंद केजरीवाल देश के सबसे अविश्वसनीय नेता के रूप में देखे जा रहे हैं। इससे पहले भी पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया माफी मांगने पर भी उन्हें बीजेपी की तीखी प्रतिक्रिया का सामना करना पड़ा था इतना ही नहीं उनकी अपनी पार्टी के कई नेताओं ने उनके इस कदम से गुस्सा होकर पार्टी से इस्तीफा दे दिया था।
दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि केजरीवाल का अपनी भ्रष्टाचार विरोधी योद्धा की छवि दिखाने के पीछे का मकसद जनता को गुमराह करना था। इसके लिए उन्होंने अरूण जेटली, नितिन गडकरी और बिक्रमजीत मजीठिया जैसे जमे हुए नेताओं पर निराधार आरोप लगाए, लेकिन जैसे ही नेताओं ने अपने ऊपर लगे झूठे आरोपों के खिलाफ केजरीवाल को मानहानि का नोटिस भेजा, तो उनको माफी मांगना पड़ा।
तिवारी ने आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में नेताओं के भ्रष्टाचार के खिलाफ जनता में जो गुस्सा था, उसका केजरीवाल ने फायदा उठाया और एक के बाद एक झूठे आरोप लगाते चले गए, जिसका नतीजा यह हुआ कि आज केजरीवाल को सबसे माफी मांगनी पड़ रही है।
उन्होंने कहा कि विरोधियों पर झूठे आरोप लगाकर उन्हें बदनाम करने की अरविंद केजरीवाल की ओछी राजनीति का परिणाम है कि आज उन्होंने न सिर्फ अपनी बल्कि पूरे राजनीतिक जगत की विश्वसनियता को दांव पर लगा दिया। तिवारी ने केजरीवाल पर आरोप लगते हुए कहा कि दिल्ली के विकास का मुद्दा हो या फिर वर्तमान सीलिंग की समस्या, केजरीवाल दोनों ही नहीं संभाल पाए।
बीजेपी नेता ने आगे कहा कि AAP के विधायक महिलाओं के उत्पीड़न और फर्जीवाड़े के दोषी हैं, जिससे दिल्ली की जनता में निराशा है और केजरीवाल के बार-बार आ रहे माफीनामों के बाद जनता के बीच अरविंद केजरीवाल की विश्वसनियता पूरी तरह खत्म हो गई है।
गौरतलब है कि वित्तमंत्री अरुण जेटली ने केजरीवाल सहित आप पार्टी के नेताओं पर मानहानि का केस दर्ज किया था। इस मामले में अरविंद केजरीवाल के अलावा आप प्रवक्ता राघव चड्ढा, राज्यसभा सांसद संजय सिंह, आशुतोष और आप नेता दीपक बाजपेयी ने भी वित्त मंत्री से माफी मांगी है। वहीं कुमार विश्वास ने माफी मांगने से इनकार कर दिया है। कुमार के नजदीकियों ने बताया कि पिछले करीब एक महीने से आप के नेताओं ने अरुण जेटली से माफी मांगने के लिए विश्वास को साथ लेने के लिए कोशिश की थी लेकिन उन्होंने लिखित माफी नामे से इनकार कर दिया था। उनके अलावा बाकि सभी ने लिखित माफी नामा पटियाला हाउस कोर्ट में सौंपा।