नई दिल्ली। पीएम मोदी ने ‘मन की बात’ के एपिशोड में सिंगल यूज पॉलीथीन इस्तेमाल न करने की सलाह दी और कहा कि पर्यावरण की सुरक्षा के लिए भारतीयों से ‘एक नई क्रांति’ शुरू करने का समय आ गया है। मोदी ने मासिक कार्यक्रम मन की बात के दौरान कहा, “इस साल जब हम बापू की 150वीं जयंती मनाएंगे तो इस अवसर पर हम उन्हें न केवल खुले में शौच से मुक्त भारत समर्पित करेंगे बल्कि उस दिन पूरे देश में प्लास्टिक के खिलाफ एक नए जन-आंदोलन की नींव रखेंगे।”
उन्होंने कहा, “इस वर्ष गांधी जयंती को एक प्रकार से भारत माता को प्लास्टिक कचरे से मुक्ति के रूप में हम मनाएं। आइए 2 अक्टूबर को विशेष दिवस के रूप में मनाएं।”
उन्होंने प्लास्टिक के खिलाफ लड़ाई के लिए भी इसी तरह के जोश व ऊर्जा का आह्वान किया, जिस तरह का जोश स्वच्छता अभियान के लिए देखा गया। उन्होंने कहा, “प्लास्टिक मुक्त अभियान को लेकर समाज के सभी वर्गो में उत्साह है। मेरे कई व्यापारी भाइयों-बहनों ने दुकान में एक तख्ती लगा दी है, जिस पर यह लिखा है कि ग्राहक अपना थैला साथ ले करके ही आएं। इससे पैसा भी बचेगा और पर्यावरण की रक्षा में वे अपना योगदान भी दे पाएंगे।”
मोदी ने लोगों से गांधी की जयंती वर्षगांठ पर प्लास्टिक कचरे के संग्रह और उसके निपटान के लिए श्रमदान का आग्रह किया। उन्होंने कहा, “महात्मा गांधी जयंती के दिन को एक विशेष श्रमदान का उत्सव बनाएं। देश की सभी नगरपालिका, नगरनिगम, जिला-प्रशासन, ग्राम-पंचायत, सरकारी-गैरसरकारी सभी व्यवस्थाएं, सभी संगठन, एक-एक नागरिक हर किसी से मेरा अनुरोध है कि प्लास्टिक कचरे को एकत्र करंे और निस्तारण के लिए उचित व्यवस्था करें।”उन्होंने कॉरपोरेट सेक्टर से भी अपील की।
उन्होंने कहा, “मैं कॉरपोरेट सेक्टर से भी अपील करता हूं कि जब ये सारा प्लास्टिक कचरा एकत्र हो जाए तो इसके उचित निस्तारण हेतु आगे आएं, डिस्पोजल की व्यवस्था हो। इसे रिसाइकिल किया जा सकता है। इससे ईंधन बनाया जा सकता है। इस प्रकार इस दिवाली तक हम इस प्लास्टिक कचरे के सुरक्षित निपटारे का भी कार्य पूरा कर सकते हैं। बस संकल्प चाहिए। प्रेरणा के लिए इधर-उधर देखने की जरूरत नहीं है गांधी से बड़ी प्रेरणा क्या हो सकती है।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि वह 29 अगस्त को ‘फिट इंडिया’ मूवमेंट लॉन्च करेंगे, जिसे राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने कहा, “मैं आपको फिट देखना चाहता हूं और आपको फिटनेस के प्रति जागरूक करना चाहता हूं।” यह कहते हुए कि भारतीय संस्कृति में अनाज पर ज्यादा जोर दिया गया है, उन्होंने कहा कि संतुलित व पौष्टिक भोजन जरूरी है। उन्होंने कहा, “जागरूकता की कमी के कारण-अमीर साथ ही साथ गरीब-कुपोषण से पीड़ित हैं। देश भर में सितंबर में पोषण को लेकर एक अभियान चलाया जाएगा।”