नई दिल्ली। देश की अर्थव्यवस्था मौजूदा हालत में केवल सार्वजनिक खर्च पर चल रही है। जिसके चलते देश का विकास रूक गया है। इस हालत की जिम्मेदार केन्द्र की सरकार है। इसका मुख्य कारण बीते साथ नवम्बर माह में केन्द्र सरकार की नोटबंदी है। आर्थिक विकास की दर में आई गिरावट इसी की देन है। बीते 3 महीनों की जीडीपी पर नजर डालें तो साफ पता चलता है। इसी के चलते आज देश में बेरोजगारी बढ़ी है। ये बातें बीते मंगलवार को पूर्व प्रधानमंत्री व अर्थशास्त्री डॉ मनमोहन सिंह ने कांग्रेस की कार्य समिति की बैठक में अपने सम्बोधन में ही।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की मौजूदगी में उनके आवास पर हो रही बैठक में बोलते हुए मनमोहन सिंह ने कहा कि देश के गत वित्त वर्ष की चौथी तिमाही औऱ पूरे वित्त वर्ष 16-17 के जीडीपी के आंकडे सरकार ने कुछ दिनों पहले जारी किए है। जिनको देखने के बाद देश की अर्थव्यव्सथा में आई भारी गिरावट साफ देखी जा सकती है। इसका प्रमुख कारण नोटबंदी है।
नोटबंदी के चलते अभी तक निजी क्षेत्र में होने वाला निवेश सुचारू ढंग से शुरू नहीं हो पाया है। जिसके चलते देश में विकास की रफ्तार तो धीमी हुई है। साथ ही रोजगार सृजन के अवसर भी खत्म हो गये हैं। इस वक्त देश में युवा वर्ग के सामने सबसे बड़ी दिक्कत रोजगार सृजन को लेकर है। क्योंकि आर्थिक तंगी के चलते उद्योग धन्धे संकुचित होते जा रहे है। देश में नौकरियां खत्म हो रही है। इन सबकी देने केन्द्र सरकार की नीतियां हैं।