नई दिल्ली। गुजरात में 20 साल बाद सत्ता के जुगाड़ में लगी कांग्रेस ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को भी चुनाव प्रचार में उतार दिया है। मनमोहन सिंह गुजरात में जाकर बीजेपी को घेरेंगे, वहीं बीजेपी ने भी अपने वित्त मंत्री अरूण जेटली को मनमोहन के सारे आरोपों का जवाब देने के लिए मैदान में उतार दिया है। दूसरी तरफ गुजरात जाने से पहले ही मनमोहन सिंह ने नोटबंदी को लेकर सरकार पर हमला किया है। सिंह ने नोटबंदी पर कटाक्ष कसते हुए कहा कि नोटबंदी का मतलब विनाशकारी आर्थिक नीती यानी की कैटस्ट्रॉफिक इकोनॉमी पॉलिसी है। उन्होंने कहा कि भारत जैसे विविधातपूर्ण देश में नोटबंदी अबतक की सबसे बड़ी सामाजिक विपत्ति साबित हुई है।
उन्होंने पीएम मोदी से कहा कि वो नोटबंदी जैसा फैसला लेकर की गई अपनी भारी गलती को स्वीकार करें और अर्थव्यवस्था की पुनर्निर्माण के लिए आम सहमति की दिशा में काम करें। सिंह ने कहा कि नोटबंदी एक विनाशकारी नीति साबित होने जा रही है, इसके कारण कई तरह की आर्थिक, सामाजिक, प्रतिष्ठात्मक और संस्थागत क्षति हुई है, जोकि जीडीपी के गिरने के आर्थिक नुकसान का संकेत है। उन्होंने कहा कि नोटबंदी से जो हमारे समाज के गरीब तबकों और व्यापार पर असर पड़ा है, वो किसी आर्थिक सूचक की तुलना में कहीं अधिक हानिकारक है।
पूर्व प्रधानमंत्री ने नोटबंदी को लेकर सरकार और पीएम मोदी से कहा कि वो लोग अपनी इस गलती के लिए देश से माफी मांगे। उन्होंने कहा कि नोटबंदी का असर नौकरियों पर पड़ा है, क्योंकि हमारे देश की तीनचौथाई गैर-कृषि रोजगार छोटे और मझोले उद्यमों के क्षेत्र में हैं। नोटबंदी से इस क्षेत्र में ज्यादा नुकसान हुआ और लोगों की नौकरियां चली गई और अब देश में नई नौकरियां पैदा ही नहीं हो रही है। मनमोहन सिंह का ये तर्क राजनीतिक लग रहा है, क्योंकि जीडीपी में हाल की गिरावट के बाद सुधार दिख रहा है और इस बात का जिक्र पीएम मोदी पहले ही कर चुकें थे। हालांकि हमारे आर्थिक विकास की प्रकृति के लिए बढती आसमाना भी एक खतरा है। मनमोहन सिंह ने कहा कि यह लक्ष्य प्रशंसनीय हैं लेकिन सरकार को आर्थिक प्राथमिकताओं को दुरुस्त करने की जरूरत है।