नई दिल्ली। सरकारी स्कूलों के इन्फ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने संबंधी दिल्ली सरकार की मॉडल स्कूल परियोजना के तहत उप मुख्यमंत्री एवं शिक्षामंत्री मनीष सिसोदिया ने बुधवार को पहले मॉडल स्कूल का लोकार्पण किया।
शिक्षा-व्यवस्था में सुधार के लिए सरकार द्वारा की जा रही कोशिशों के तहत 54 स्कूलों में से दीनदयाल उपाध्याय मार्ग स्थित सर्वोदय बाल विद्यालय का पहले मॉडल स्कूल के रूप में उदघाटन करते हुए शिक्षामंत्री ने कहा कि हमारे लिए यह एक सपने की शुरूआत है। सरकारी स्कूलों में ऐसा इन्फ्रास्ट्रक्चर होगा, हमने ऐसा नहीं सोचा था लेकिन सरकार एवं प्राचार्यों के सहयोग से यह संभव हो गया। अभी ऐसे एक हजार स्कूल और बनेंगे। उन्होंने कहा कि हालांकि इसमें देरी हुई है लेकिन सरकार इस दिशा में प्रयत्नशील है। सरकार ने दो साल पहले इस चेंज के बारे में सोचा था। सभी प्रिंसिपल से पूछा गया था कि यदि आपको पूरी आजादी दी जाए तो आप शिक्षा के सुधार की दिशा में क्या करेंगे। इसके बाद शिक्षा निदेशालय एवं प्रिंसिपल की चर्चा के बाद मॉडल स्कूल परियोजना का कॉन्सेप्ट आया।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि बिल्डिंग से स्कूल नहीं बनता। इस देश में पेड़ों के नीचे भी शिक्षा दी जाती रही है। शिक्षकों एवं प्रिंसिपल को स्कूलों में साफ-सफाई का ध्यान रखना होगा। इस काम के लिए सरकार ने हर स्कूल में एस्टेट मैनेजर नियुक्त किया है, जिसकी जिम्मेदारी स्कूल को दुरूस्त रखने की होगी। यदि वह अपना काम सही ढंग से नहीं करता तो प्रिंसिपल एवं अभिभावक उसे काम से हटा सकते हैं।
वहीं सर्वोदय स्कूल के मॉडल स्कूल बनने पर छठी कक्षा के छात्र मोहम्मद जैद ने कहा कि हमारे स्कूल का हॉल अच्छा है। इसमें एसी लगे हैं, हॉल एवं कमरों में म्यूजिक सिस्टम भी लगे हैं। स्कूल में इस बार स्टाइलिश लाइटस लगायी गई हैं। अन्य छात्र मोहम्मद अली ने बताया कि पहले स्कूल में प्रथम तल पर छोटी सी लाइब्रेरी थी लेकिन अब नीचे बड़ी लाइब्रेरी बनायी गई है। पहले हमारी बेंच लकड़ी की थी लेकिन अब सारा फर्नीचर प्लास्टिक का है। इस बार कमरों में भी बढ़िया टाइल्स लगायी गई हैं।