लखनऊः आम किस को पसंद नहीं, हर उम्र के लोगों का फेवरेट होता है। कच्चा आम हो या पका हुआ आम। एक आम से कई काम होते हैं। लेकिन क्या आम जानते हैं कि इन आमों के नाम कैसे पड़े। जितना इंटरेस्टिंग इनका नाम है उतनी ही दिलस्प कहानी भी है।
हाथीझूल आम
आम के नाम तो नाम उनके आकार की कहानी भी उतनी ही दिलचस्प है। आम के आकार की कहानी एक बेर के जितनी और एक तरबूजे की जितनी है। उत्तर प्रदेश के सहारनपुर का हाथीझूल आम दुनिया का सबसे भारी और बड़ा आम माना जाता है। इसका वजन साढ़े तीन किलो का होता है। कहा जाता है कि इस आम का नाम हाथीझूल इसलिए है क्योंकि सहारनपुर के एक किसान ने इसकी मोटाई को देखकर कहा था कि पेड़ पर हाथी झूल रहे हैं। तभी से इसे हाथीझूल आम कहकर पुकारा जाने लगा।
अल्फांसो आम
भारत में पैदा होने वाले अलफांसो आम की दुनिया में एक अलग ही पहचान है। शायद यही कारण है कि इसे आमों का राजा भी कहा जाता है। यही एक ऐसा आम है जो तौल के साथ-साथ दर्जन में भी बिकता है। इसका सबसे ज्यादा एक्स्पोर्ट यूएसए में होता है। कई ऐसे देश हैं जहां ये मंहगे से मंहगे दामों में बेचा जाता है। हलांकि अल्फांसो आम का उत्पादन ब्रिटेन में भी होता है, लेकिन दुनिया में सबसे ज्यादा मांग भारतीय अल्फांसो आम की ही होती है। भारत में कुछ जगहों पर इसे हापुस आम भी कहा जाता है। लंगड़ा आम के बाद यही आम सबसे मीठा होता है।
तोतापुरी या तोतापरी
इस आम की किस्म तोते की चोंच जैसी नोक और रंग जैसी होती है। इसी कारण इसे तोतापुरी या तोतापरी आम कहा जाता है।
केसरः गुजरात में पैदा होने वाले इस आम के छिलकों का रंग केसरिया होता है, जिसके कारण इसे केसर वाला आम कहा जाता है।
अपने अलग-अलग नामों और क्वालिटी के लिए फेमस भारतीय आम की मांग दुनिया के कई देशों में हैं। भारतीय आम से जुड़े और भी किस्से हैं, वो हम आपको बताएंगे, लेकिन अगली स्टोरी में हम आपको एक ऐसे कुछ आमों के बारे में बताएंगे जिनके नाम सुनकर आपको यकीन नहीं होगा।