नई दिल्ली: सैम होर्मूसजी फ्रेमजी जमशेदजी मानेकशॉ एक एकलौते ऐसे फील्ड मार्शल थे जिनके रौबीले रूबाब के चर्चे पूरे दुनिया में मशहुर थे। उन्होने भारतीय सेना के अध्यक्ष पद पर रहते हुए भारत को कई मुकाम हासिल कराएं। बता दें अप्रैल 29, 1971 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अपने मंत्रिमंडल की आपात बैठक बुलाई थी। मीटिंग में वित्त मंत्री यशवंत चौहान, रक्षा मंत्री बाबू जगजीवन राम, कृषि मंत्री फ़ख़रुद्दीन अली अहमद, विदेश मंत्री सरदार स्वर्ण सिंह और इन राजनेताओं से अलग एक ख़ास आदमी- सेनाध्यक्ष जनरल सैम मानेकशॉ भी मौजूद थें।
बांग्लादेश युद्ध में रही अहम भुमिका
उनके नेतृत्व में भारत ने बांग्लादेश युद्ध में जीत हासिल की थी। भारत को बांगलादेश युद्ध में मिली जीत के बाद मानेकशॉ की लोकप्रियता चरम पर पहुंच गई थी और लोग ऐसा कहने लगे थें कि वो तख्तापलट कर सकते हैं। सन 1973 में वो सेना प्रमुख के पद से सेवानिर्वित होने के बाद उन्होने कई कंपनियों को अपनी सेवाएं दी थी,वे कुछ के बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर्स थे और कहीं के मानद चेयरमैन. आज भी सैम की ज़िन्दगी और उनसे जुड़े किस्से किवदंती हैं।