- त्रिनाथ मिश्र, भारत खबर
मेरठ। क्रांति का उद्गम स्थल मेरठ शहर अध्यात्म की बयार के लिए भी जाना जाता है…. यहां पर प्राचीन विल्वेश्वरनाथ मंदिर का इतिहास बेहद पुराना है….. कहते हैं कि यहां पहले कभी लंकेश की पत्नी मंदोदरी पूजा करने आया करती थी…. आराध्य देवता भगवान शिव की पूजा के लिए नियमित तौर यहां आने की कथा ने इस मंदिर की ख्याति को और भी बढ़ा दिया।
इसी मंदिर प्रांगण में बाबा विल्वेश्वरनाथ संस्कृत महाविद्यालय भी स्थापित है जिसमें अध्ययनरत होकर अब तक हजारों की तादात में छात्रों ने भारतीय पुरातन संस्कृति से नाता जोड़ा है…
हर रोज यहां पर संस्कृत के श्लोकों के साथ अध्यात्म की वाणी से सुबह की शुरुआत होती है। मुख्य पुजारी हरिश्चंद्र जोशी ने बताया कि यहां पर सावन माह में श्रद्धालुओं का आना पहले से बढ़ जाता है और भगवान शिव के अर्द्धनारीश्वर रूप के दर्शन करने के लिए लम्बी कतारें लगती हैं….
शिवरात्रि के दौरान यहां पर प्रदोष काल में भगवान शिव का रुद्राभिषेक करने का विशेष महत्व है…. इसीलिए यहां पर श्रद्धालुओं का लगातार आगमन बना रहता है….
भगवान शिव को सहस्त्र कमल पुष्पों के साथ रूद्राभिषेक करते हुए ये तश्वीरें यहां की भव्यता को व्यक्त करने में शायद पूरी तरह से सक्षम नहीं हैं लेकिन आपको भगवान शिव की महिमा के अलौकिक रूप की एक झलक तो देखने को मिल ही जाएगी।