लखनऊ। एक ओर जहां सूबे की अखिलेश सरकार लोगों को सुविधाएं दिलाने का दम भर रही है उसी उत्तर प्रदेश से एक दिल दहला देने वाली खबर आई है जहां पर एक आदमी भूख से तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया।
ये घटना उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ के रानीगंज तहसील के शिवगढ़ ब्लॉक में नाजियापुर गाँव में 38 साल के लाचार और गरीब युवक की है जिसकी मौत भूख के चलते हो गई। राम सिंगार गौड़ का मुंबई में तकरीबन 15 साल पहले ट्रेन से गिरकर एक्सीडेंट हुआ था जिससे उसके दोनों पैर टूट गए थे। हाथ भी ठीक से काम नही कर रहा था कि वह दो वक्त की रोटी के लिए कुछ कर सके। इस हालत के चलते उसकी पत्नी ने उसे छोड़ किसी और से शादी कर ली।
गाँव वालों के रहम पर दो वक्त की रोटी खाकर राम सिंगार का बेटा विनय किसी तरह बड़ा हुआ तो शहर में जाकर 16 साल का विनय मजदूरी करने लगा। हर दिन कमाना और खाना उसका जीवन हो गया। करीब डेढ़ महीने पहले विनय का भी हाथ फ्रैक्चर हो गया तो वह शहर में ही किसी तरह लोगों से भीख मांगकर पेट भरने लगा। कुछ दिनों तक राम सिंगार गौड़ गाँव के किनारे खुले आसमान के नीचे बारिश में रहता रहा।
छत के नाम पर गाँव वालो से मांगकर साड़ी और पॉलीथिन के टुकड़े डंडों में बांधकर उसने अपने आस-पास लगा दिए गए थे। लेकिन सुबह जब गांव वाले घूमने निकले तो राम सिंगार मर चुका था और उसके शव को देखने से ऐसा प्रतीत हो रहा था कि जैसे कि वो कई दिन से बिस्तर से उठा ही न हो। शरीर जर्जर हालत में था और शरीर पर पड़े चद्दर में दीमक लिपटा था। बर्तन बारिश के पानी से भरे थे और थाली में कीड़े दौड़ रहे थे। जिससे यह जाहिर था कि उसने कई दिनों से खाना नहीं खाया था। हैरानी की बात यह कि ग्रामीणों की सूचना के बावजूद कोई अफसर मौके पर नही पंहुचा।
इस मामले को लेकर प्रधानपति और ग्रामीणों का कहना है कि लाचार गरीब को आवास दिलाने और सरकारी सहायता के लिए कई बार जिला मुख्यालय के सामने उसको ले जाकर प्रदर्शन किया लेकिन आश्वासन के आलावा कुछ भी हाथ न लगा।
(अकील सिद्धीकी, संवाददाता)