एजेंसी, कोलकाता। पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) सरकार के तीन मंत्री एक पार्टी कार्यकर्ता के घर बैठक कर रहे थे, तभी वहां से करीब 200 मीटर दूर भीड़ ने ‘जय श्रीराम’ के नारे लगाने शुरू कर दिए। पुलिस (Bengal Police) ने उन्हें रोकने की कोशिश की और उसके बाद भीड़ पर काबू पाने के लिए उन पर लाठीचार्ज किया गया।
मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक और तापोश रॉय के काफिले के इलाके से निकलते ही घेर लिया गया। उनके जाने के बाद भाजपा (BJP) समर्थकों ने कांचरापाड़ा स्टेशन पर ट्रेन को 15 मिनट तक रोके रखा। शाम 4 बजे के आसपास, बीजेपी कार्यकर्ता लगभग 17 किमी दूर जगदलद पुलिस स्टेशन के बाहर धरने पर बैठ गए। वहीं, गुरुवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पने गुस्से पर उस वक्त काबू खो बैठी थीं, जब कुछ लोगों उनके काफिले के पास जय श्री राम के नारे लगाने शुरू कर दिए। वह अपनी कार से उतरीं और लोगों को फटकार लगाई।
लेकिन जैसे ही वह अपनी कार में वापस अंदर बैठीं, दोबारा से नारे शुरू हो गए। इस पर ममता बनर्जी ने उन्हें ‘अपराधी’ और ‘बाहरी’ करार दिया। वहीं शुक्रवार को पुलिस ने स्थानीय अपराधों के लिए कम से कम 10 युवकों को गिरफ्तार किया, लेकिन बीजेपी का दावा है कि उन्हें ‘जय श्रीराम’ का जाप करने के लिए गिरफ्तार किया गया।
स्थानीय पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी को शुक्रवार को बदल दिया गया। बता दें, पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनावों में हार का सामना करने वाली तृणमूल कांग्रेस के जख्मों पर नमक छिड़कते हुए भारतीय जनता पार्टी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को ‘जय श्री राम’ लिखे दस लाख पोस्टकार्ड भेजने का फैसला किया है।
बंगाल से भाजपा के नवनिर्वाचित सांसद अर्जुन सिंह ने कहा, ‘हमने मुख्यमंत्री के आवास पर 10 लाख पोस्टकार्ड भेजने का निर्णय किया है जिन पर ‘जय श्रीराम’ लिखा होगा।’ तृणमूल कांग्रेस के विधायक रह चुके सिंह आम चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हुए थे। उन्होंने यह बात भाजपा कार्यकर्ताओं के समूह पर पुलिस द्वारा लाठीचार्ज किये जाने के बाद कही जो उस स्थान के बाहर प्रदर्शन के दौरान ‘जय श्रीराम’ के नारे लगा रहे थे जहां तृणमूल कांग्रेस के नेता बैठक कर रहे थे।