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पंचायत चुनाव मामले में ममता बनर्जी को SC से मिली बड़ी राहत

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नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल के पंचायत चुनाव विवाद में सुप्रीम कोर्ट की ओर से ममता बनर्जी सरकार को बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले को बदलते हुए राज्य चुनाव आयोग की बची हुई 34 फीसदी सीटों के नतीजे जारी करने का आदेश दे दिया है।

ममता बनर्जी
ममता बनर्जी

अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि ई-नॉमिनेशन का प्रावधान निर्वाचन नियमों का हिस्सा नहीं है. ऐसे में अगर किसी को चुनाव प्रक्रिया से शिकायत है, तो वह अगले तीस दिनों के भीतर याचिका डाल सकता है. बता दें कि पश्चिम बंगाल में हुए पंचायत चुनाव के दौरान करीब 34 फीसदी सीटों पर TMC ने निर्विरोध जीत दर्ज की थी, जिसपर सवाल उठे थे. यानी अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले से साफ है कि इन सभी सीटों पर दोबारा चुनाव नहीं होंगे. और चुनाव आयोग आधिकारिक नतीजे जारी कर पाएगा.

चुनाव आयोग नतीजे जारी कर सकता है.

गौरतलब है कि ऐसी करीब 20,159 सीटें थीं, जिनके नतीजे घोषित नहीं किए गए थे. लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद चुनाव आयोग नतीजे जारी कर सकता है. अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इंटरनेट या वॉट्सऐप के जरिए हुए नामांकन को मान्यता नहीं दी सकती है. जबकि कलकत्ता हाईकोर्ट ने करीब 11 उम्मीदवारों द्वारा वॉट्सऐप या इंटरनेट के द्वारा किए गए नामांकन को मान्यता दी थी.

चुनाव आयोग से सुप्रीम कोर्ट ने पूछा था….

गौरतलब है कि सुनवाई के दौरान राज्य चुनाव आयोग से सुप्रीम कोर्ट ने पूछा था कि जब पंचायत चुनाव में 20 हजार सीटों पर कोई अन्य उम्मीदवार चुनाव लड़ने को तैयार नहीं हुआ तो क्या आयोग ने कोई जांच की? क्योंकि फ्री एंड फेयर चुनाव कराना चुनाव आयोग का संवैधानिक दायित्व है. वहीं राज्य चुनाव आयोग ने कहा कि 58,692 में से 20 हजार 159 सीटों पर अगर चुनाव में किसी ने हिस्सा नहीं लिया तो ये कोई बड़ी बात नहीं है. आयोग ने उदाहरण देते हुए कहा कि क्योंकि पंचायत चुनावों में यूपी में 57 फीसदी, हरियाणा में 51 और सिक्किम में 67 फीसदी सीटों पर इसी तरह के हालात रहे हैं.

मई में हुए थे पंचायत चुनाव 

आपको बता दें कि राज्य में इसी साल 14 मई पंचायत चुनाव हुए थे. चुनाव से पहले ही राज्य चुनाव आयोग द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक 34.2 फीसदी सदस्य निर्विरोध निर्वाचित हुए थे. इस तरह से 58 हजार 692 पंचायत सीटों में 20076 सीटों पर चुनाव नहीं हुए थे.

BY nakit tripathi

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