नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने ईवीएम में गड़बड़ी की बात को खारिज कर दिया था। लेकिन उसके बावाजूद महाराष्ट्र के एक मामले में आरटीआई में मिले एक जवाब में गड़बड़ी साबित हुई है। आरटीआई कार्यकर्ता का कहना है कि हाल ही बुलढाना जिला परिषद के चुनाव में लोनार के सुल्तानपुर गांव मतदान केंद्र पर ‘ईवीएम फ्रॉड’ का खुलासा हुआ है। उनका कहना है कि वोटिंग के टाइम जब कोकोनट के निशान का बटन दबाता था तो हर बार हरी लाइट जलती थी और वोट बीजेपी को चला जाता था। इसपर चुनाव अधिकारी ने जांच के लिए इसकी रिपोर्ट जिला कलेक्टर को सौंपी। इस रिपोर्ट को आरटीआई के जवाब में दिया गया है। फरवरी में हुए चुनाव में इस गड़बड़ी से प्रभावित निर्दलीय प्रत्याशी आशा अरण जोरे की ‘ईवीएम फ्रॉड’ संबंधी शिकायत से वाकिफ होने के बाद गलगली ने 16 जून को आरटीआई अर्जी लगाई थी। इसमें निर्वाचन अधिकारी द्वारा सौंपी गई जांच रिपोर्ट के ब्योरे मांगे गए थे।

बता दें कि बुलढाणा कलेक्टोरेट के चुनाव विभाग ने इसके जवाब में कहा है कि लोनार के सुल्तानपुर में बूथ नंबर 56 पर जब वोटर निर्दलीय प्रत्याशी नंबर- 1 के ‘कोकोनट’ निशान का बटन दबाते तो बत्ती भाजपा प्रत्याशी नंबर-4 के कमल निशान पर जलती थी। मतलब यह कि वोट भाजपा प्रत्याशी को मिले। उन्होंने बताया कि प्रत्याशी आशा अरण जोरे ने ईवीएम में गड़बड़ी की शिकायत चुनाव अधिकारी से सुबह दस बजे ही की। लेकिन उन्होंने उसे गंभीरता से नहीं लिया। बाद में जब कई वोटरों की ओर से शिकायतें आई तो अधिकारी ने दोपहर 1.30 बजे उसका संज्ञान लिया। लेकिन तब तक आधा वोटिंग हो चुकी थी।
साथ ही चुनाव अधिकारी माणिकराव बाज़़ड ने शिकायतों में तथ्य पाया और मतदान केंद्र प्रभारी रामनारायण सावंत ने उसकी पुष्टि की और मामले की सूचना निर्वाचन अधिकारी, लोनार को दी। लोनार के सहायक निर्वाचन अधिकारी ने बूथ पर जाकर उसकी पुष्टि की। कई चुनाव अधिकारियों द्वारा कलेक्टर को रिपोर्ट भेजने के बाद उस बूथ का मतदान रद्द कर गड़बड़ी वाली मशीन को सील कर दिया गया तथा दूसरी मशीन लगाई गई। लेकिन विभिन्न पार्टियों ने पुनर्मतदान की मांग की और उसे स्वीकार करते हुए पांच दिन बाद 21 फरवरी को फिर से मतदान हुआ। गलगली ने कहा कि इससे ‘ईवीएम फ्रॉड’ साबित होता है।