लखनऊ: कई बार आवाज बुलंद करने के लिए अनोखे तरीके अपनाने होते हैं। ऐसा ही नजारा स्पेन में देखने को मिला, जब एक छात्र के समर्थन में आंदोलन शुरू हो गया। इसी आंदोलन को आवाज देने के लिए शिक्षक भी साथ आ गये और स्कर्ट पहनकर स्कूल पहुंच गए।
कपड़ों का नहीं होता कोई जेंडर
दरअसल यह पूरा मामला एक छात्र के स्कर्ट पहनने पर शुरू हुआ, जिसे स्कूल से निकाल दिया गया था। इसी के बाद पूरे देश में इस को लेकर आंदोलन शुरू हो गया। लोगों ने उसके समर्थन में अपनी आवाज उठाई। आंदोलन को ‘कपड़ों का कोई जेंडर नहीं होता’ नाम दिया गया। जिसके बाद स्कूल के पुरुष शिक्षक भी स्कर्ट पहनकर विद्यालय आने लगे।
मामला स्पेन के बिलबाओ शहर का है, जहां मिकेल नाम के एक विद्यार्थी को स्कर्ट पहनने पर स्कूल से बर्खास्त कर दिया गया। इसके बाद इस मामले ने तूल पकड़ लिया और चारों तरफ स्कूल प्रशासन के इस रवैए का विरोध शुरू हो गया।
लिंग भेद को नहीं दिया जाएगा बढ़ावा
लड़के और लड़कियों के पहनावे पर अक्सर सवाल खड़े होते रहते हैं। पिछले दिनों एक अन्य स्कूल में एक छात्र के टी-शर्ट पहनने पर भी ऐसा ही भेदभाव देखने को मिला था। इसी पर अब स्पेन के शिक्षकों ने यह मुहिम शुरू की। वह खुद स्कर्ट पहनकर विद्यालय आ रहे हैं और इसी तरह से ही बच्चों को पढ़ाया जा रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य समाज में सहिष्णुता और एकता को बरकरार रखना है।