नई दिल्ली। मालदीव ने भारत के साथ दो वर्ष तक चलने वाले नौसेना अभ्यास के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है। इस बात की पुष्टी करते हुए नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा ने कहा कि मिलन नाम का नौसेना अभ्यास छह मार्च से शुरू होगा,लेकिन मालदीव ने भारत के निमंत्रण को ठुकरा दिया है और इसको लेकर कोई कारण अभी तक नहीं बताया है। नौसेना के एक अधिकारी ने बताया कि 16 से ज्यादा देश इस अभ्यास में अपनी शिरकत की पुष्टी कर चुके हैं, जोकि अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में होना है। बता दें कि हिंद महासागर में चीन की बढ़ती सामुद्रिक ताकत को देखते हुए मिलन का आयोजन किया गया है।
इस अभ्यास को लेकर नौसेना के अधिकारियों का कहना है कि अभ्यास के दौरान दूसरे देशों के नेवी चीफ के बीच विचार-विमर्श के दौरान ये मुद्दा भी उठाया जा सकता है। नौसेना के प्रवक्ता डीके शर्मा ने कहा कि मिलन अभ्यास के दौरान समुद्री सैनिक गतिविधियों को लेकर क्षेत्रीय सहयोग बढ़ाने और समुद्र में गैरकानूनी गातिविधियों को रोकने पर विचारों का आदान-प्रदान करेंगे। उन्होंने बताया कि इस अभ्यास में शामिल होने वाले देशों की नौसेनाओं के बीच उभरती चुनौतियों से निपटने के लिए एक बेहतर तालमेल बनेगा।दरअसल भारत और अमेरिका समेत कई अन्य देश साउथ चाइना सी के विवाद में चीन को काउंटर करने की कोशिश कर रहे हैं और चीन इस क्षेत्र में अपना प्रभुत्व बढ़ाने की कोशिश कर रहा है जबकि बाकी देश स्वतंत्र आवाजाही को बढ़ावा देने की वकालत कर रहे हैं।