मलेशिया – मलेशिया के उच्च न्यायलय ने कहा है कि अब गैर मुस्लिम भी ‘अल्लाह’ शब्द का इस्तेमाल कर सकते है। मुस्लिम बहुल आबादी वाले इस देश में धार्मिक स्वतंत्रता के विभाजनकारी मुद्दे पर यह अहम निर्णय है।
क्या कहा वकील ‘ए जेवियर’ ने –
इस मामले पर वकील ए जेवियर का कहना है कि कोर्ट ने ईसाई प्रकाशनों द्वारा ‘अल्लाह’ और अरबी भाषा के तीन अन्य शब्दों के इस्तेमाल पर 35 साल से लगी रोक को रद्द कर दिया है और इस प्रतिबंध को असंवैधानिक माना है। सरकार ने पहले कहा था कि ‘अल्लाह’ शब्द का इस्तेमाल सिर्फ मुसलमान करेंगे ताकि भ्रम की उस स्थिति से बचा जा सके जो उन्हें अन्य धर्मों में धर्मांतरित कर सकती है। यह मलेशिया में अनूठा मामला है और अन्य मुस्लिम बहुल देशों में ऐसा कुछ नहीं है जहां पर अच्छी-खासी संख्या में ईसाई अल्पसंख्यक रहते हैं।
सरकार द्वारा लगाया गया था ‘अल्लाह’ का नाम प्रयोग करने पर प्रतिबन्ध –
बताया जा रहा है कि सरकार ने सन 1986 में ईसाई प्रकाशनों पर प्रतिबन्ध लगाया था कि वे लोग अपने प्रकाशनों में ‘अल्लाह’ शब्द का इस्तेमाल नहीं कर सकते। ईसाई समुदाय ने इस बात को लेकर उच्च न्यायालय में एक याचिका डाली थी तथा बताया था कि ‘अल्लाह’ शब्द के इस्तेमाल पर रोक गैर वाजिब है क्योंकि माले भाषी ईसाई आबादी लंबे वक्त से बाइबल, प्रार्थनाओं और गीतों में ईश्वर को संबोधित करने के लिए ‘अल्लाह’ शब्द का इस्तेमाल करती रही है जो अरबी से उत्पन्न हुआ है। इस याचिका पर सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति नोर बी ने प्रतिबंध को असंवैधानिक बताया और कहा कि शब्दों के प्रयोग से सार्वजनिक व्यवस्था बाधित नहीं होगी। इसके साथ उन्होंने यह भी कहा कि ‘अल्लाह’ शब्द का इस्तेमाल मलेशिया के सभी लोग कर सकते है। कोर्ट के इस फैसले पर ए जेवियर का कहना है कि आज का फैसला मलेशिया के गैर मुस्लिमों के धार्मिक अधिकारों के मौलिक स्वतंत्रता को मजबूत करता है।