वाराणसी: सेफ सिटी बनाने के पीछे उद्देश्य शहर की महिलाओं को सुरक्षित और बेहतर माहौल देना है। राजधानी लखनऊ में भी इसी कांसेप्ट का इस्तेमाल किया गया है।
बनारस सहित 11 शहरों में होगा लागू
महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए वाराणसी में कई बदलाव किए जाने की तैयारी है। इसकी रणनीति और कार्य योजना पर समिति का गठन किया गया है। वाराणसी के साथ-साथ कुल 11 शहरों को सेफ सिटी बनाने का प्लान है।
आखिर कैसा होगा सेफ सिटी का नजारा
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में महिला सुरक्षा से जुड़े कई बदलाव देखे जा सकते हैं। इसी को आधार मानकर अन्य शहरों में भी यह शुरू किया जाएगा। पिंक बूथ, पिंक टॉयलेट, डायल 100 और पिंक वाहन लखनऊ में यह काफी सामान्य है।
महिला सुरक्षा के लिए इन सभी सुविधाओं को शुरू किया गया, जिसके काफी अच्छे परिणाम देखने को मिले हैं। देश में महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराध बड़ी चिंता का विषय हैं। इसीलिए इस तरह के प्रोजेक्ट को काफी सराहनीय कदम कहा जा सकता है।
अमृता सिंह की अगुवाई में होगा बदलाव
वाराणसी में गठित टीम अपर नगर मजिस्ट्रेट-चतुर्थ अमृता सिंह की अगुवाई में काम करेगी। जिसमें सबसे पहले शहर का सर्वे किया जाएगा। इस सर्वे में महिलाओं से उनका फीडबैक और समस्याएं नोट की जाएंगी। इसके बाद पुलिस से भी जरूरी जानकारी को इकट्ठा किया जाएगा। विशेषकर डार्क स्पॉट चिन्हित किए जाएंगे।
इस कार्य योजना के लिए एक टीम का गठन होगा। जिसमें अलग अलग विभाग जैसे प्रशासन, पुलिस, रोडवेज, ट्रैफिक, नगर निगम के अधिकारी होंगे।
निर्भया फंड का किया जाएगा इस्तेमाल
इस बदलाव को करने के लिए आर्थिक मदद निर्भया फंड से ली जाएगी। वाराणसी को सेफ सिटी बनाने के लिए लखनऊ वाली रणनीति मददगार साबित होगी। शहर में मौजूद रेलवे, बस स्टैंड और एयरपोर्ट परिसर में अतिरिक्त काउंटर बनाए जाएंगे। महिला पुलिस अधिकारियों को पिंक वाहन के साथ तैनात किया जाएगा। सिटी बस में पैनिक बटन जैसी सुविधा होगी।
शहर के व्यस्त स्थानों को अलग से चयनित किया जाएगा, जिनमें बाजार, मॉल, घाट जैसी जगहें शामिल होंगी। पूरे सर्वे के आधार पर आगे की रणनीति और व्यवस्था को लागू किया जाएगा।