नई दिल्ली। चुनावों के बाद बंगाल की राजनीति में बड़ा भूचाल आ गया अन्तत: ममता सरकार के 2 विधायक और 50 पार्षद BJP में शामिल हो गए हैं। इसके अलावा CPM का भी एक विधायक भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल हुआ है। बीजेपी ज्वाइन करने वाले विधायकों में भाजपा नेता मुकुल रॉय (Mukul Roy) के बेटे शुभ्रांशु रॉय भी शामिल हैं।
तीनों विधायकों को दिल्ली स्थित बीजेपी मुख्यालय राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने पार्टी की सदस्यता दिलाई। उन्होंने कहा कि टीएमसी के कई और काउंसलर आगे भी बीजेपी में शामिल होने वाले हैं। बता दें, पश्चिम बंगाल की 42 लोकसभा सीटों में से भाजपा ने 18 सीटें जीती हैं, वहीं टीएमसी को 22 और कांग्रेस को दो सीटें मिली हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनाव प्रचार करते हुए कहा था कि ममता बनर्जी की टीएमसी के 40 विधायक लगातार उनके संपर्क में हैं और वे चुनाव के बाद भाजपा में शामिल हो जाएंगे।
बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने ट्वीट कर बीजपुर से विधायक शुभ्रांशु रॉय, विष्णुपुर से विधायक तुषारकांत भट्टाचार्य और हेमताबाद से विधायक देवेंद्र रॉय सहित 50 से ज्यादा पार्षदों का स्वागत किया।
बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि जिस तरीके से पश्चिम बंगाल में सात चरणों में चुनाव हुए उसी तरीके से यहां सात चरणों में लोगों को पार्टी में शामिल करवाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में कहा था कि 40 विधायक हमारे संपर्क में हैं और कभी भी पार्टी में शामिल हो सकते हैं। कैलााश विजयवर्गीय ने कहा कि आज उसका पहला चरण है। उन्होंने कहा कि ममता जी की तानाशाही से तंग आकर सभी बीजेपी में शामिल हो रहे हैं। 3 विधायक और 29 पार्षदों के बीजेपी में शामिल होने के मौके पर आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में मुकुल रॉय ने कहा कि हमलोग बंगाल में संघर्ष करेंगे।
वहीं, पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनावों से पहले पार्टी संगठन के पुनर्गठन के मकसद से तृणमूल कांग्रेस अपने नाराज नेताओं से संपर्क साध रही है। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया, ‘हम ऐसा नेताओं और कार्यकर्ताओं तक पहुंच रहे हैं, जो कुछ कारणों से निष्क्रिय हो गए हैं। हम हर किसी को पार्टी में वापस लाने की कोशिश कर रहे हैं।’ कोलकाता के महापौर और तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता फरहाद हकीम ने रविवार को शहर के पूर्व महापौर सोवन चटर्जी से मुलाकात की, जिन्होंने सक्रिय राजनीति से विश्राम ले लिया है। -एनडीटीवी