शैलेंद्र सिंह, लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार महिला सुरक्षा के लिए अनेक कदम उठा रही है। वुमेन पावर लाइन को इफेक्टिव बनाना हो या मिशन शक्ति के तहत महिलाओं को जागरूक करते हुए उनकी सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाना, सरकार लगातार प्रयासरत है।
इसी बीच प्रदेश के वाराणसी जिले की छात्राओं ने एक ऐसा डिवाइस बनाया है, जो मनचलों और शोहदों पर लगाम लगाने में कारगर हथियार साबित होगा। इस डिवाइस के माध्यम से महिलाओं के साथ होने वाली अप्रिय घटनाओं की जानकारी पुलिस व परिवार को तुरंत भेजी जा सकेगी और वो भी बिना मोबाइल फोन के।
आर्यन इंटरनेशनल स्कूल की छात्राओं ने बनाया डिवाइस
वाराणसी के आर्यन इंटरनेशनल स्कूल की कक्षा 11 की तीन छात्राओं वैष्णवी, अनन्या सिंह, और पृषा ने मिशन शक्ति से प्रेरित होकर महिलाओं की सुरक्षा के लिए ‘महिला सेफ्टी डिवाइस’ और ‘महिला शक्ति टी-शर्ट’ बनाई है। छात्राओं का दावा है कि इस टी-शर्ट को पहनने और डिवाइस को लगाने से महिलाओं के मुसीबत में फंसे होने पर इसकी जानकारी तुरंत पुलिस व परिजनों को मिल जाएगी और इससे उनकी सहायता और सुरक्षा में मदद मिलेगी।
किसी भी कपड़े में आसानी से फिट हो सकती है डिवाइस
छात्रा वैष्णवी ने कहा, ‘हमने सरकार के मिशन शक्ति से प्रेरित होकर अपने साथियों के साथ मिलकर नारी शक्ति के लिए ‘Women Safety’ डिवाइस बनाया है, जो अभी प्रोटोटाइप है। इससे हम महिलाओं को उनके साथ लगभग हर दिन होने वाले अपराधों जैसे- छोड़छाड़, प्रताड़ना, ईव टीजिंग से उनकी सुरक्षा कर सकते हैं। इस डिवाइस को टी-शर्ट या किसी भी कपड़े में आसानी से फिट किया जा सकता है और जरूरत पड़ने पर इसका बटन दबाकर मदद मांगी जा सकती है। आप इस डिवाइस में पुलिस, परिवार, रिश्तेदार और हेल्पलाइन नंबर सेट कर सकते हैं और बटन दबाते ही एक मिनट में ही उनको कॉल जाने लगेगी। अगर एक डिवाइस पर कॉल रिसीव नहीं होता तो दूसरे डिवाइस पर कॉल जाने लगेगी, जिससे समय पर आपकी सहायता की जा सकेगी।’
कैसे काम रहता है डिवाइस?
छात्रा अनन्या सिंह ने बताया कि ‘महिला शक्ति टी-शर्ट’ में एक वायरलेस बटन लगा है, जिसे प्रेस करने पर रिसीवर में सेट किए गए परिवार, रिश्तेदार, पुलिस व महिला हेल्प लाइन नंबर्स पर कॉल चला जाएगा और कॉल तब तक जाता रहेगा, जब रिसीव नहीं हो जाता। साथ ही लोकेशन भी सेंड हो जाती है, जिससे समय रहते मुसीबत में फंसी महिला को मदद मिल सके। छात्रा पृषा ने बताया कि यूपी सरकार मिशन शक्ति को बढ़ावा दे रही है। ऐसे में यह डिवाइस हर महिला का सशक्त बनाएगी। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह डिवाइस बिना मोबाइल फोन के काम करेगा। जब भी आपको मदद की जरूरत हो तो आप बटन दबाइए और मदद मिल सकेगी।
किन उपकरणों के इस्तेमाल से बनी डिवाइस?
छात्राओं ने बताया कि इस डिवाइस को बनाने में नैनो ट्रांसमीटर, रिसीवर, सर्किट, तीन वोल्ट बैटरी, स्विच और पांच वोल्ट रिले का इस्तेमाल किया गया है। डिवाइस की बैटरी एक साल तक बिना चार्ज किए हुए चलती रहेगी। अभी इसकी रेंज 200 मीटर रखी गई है, जिसे और बढ़ाया जाएगा। इसे बनाने में पांच दिन का समय लगा है और करीब तीन से चार हजार रुपए का खर्च आया है।
महिलाओं की सुरक्षा में कारगर होगी डिवाइस
महिला ऐरोबिक एसोसिएशन उत्तर प्रदेश की अध्यक्ष व आर्यन इंटरनेशनल स्कूल की निदेशक सुबिना चोपड़ा ने भारत खबर के पत्रकार शैलेंद्र सिंह (Shailendra Singh) से बात करते हुए छात्राओं के इस अविष्कार की सराहना की। उन्होंने कहा कि हमारे स्कूल की छात्राओं ने जो बटन (डिवाइस) बनाया है, उसकी सहायता से महिलाओं की सुरक्षा के मिशन में काफी मदद मिलेगी। महिलाओं के मुसीबत में फंसे होने पर बटन दबाते ही पुलिस और पैरेंट्स को तुरंत इसकी जानकारी मिल जाएगी और उनकी मदद की जा सकेगी। उन्होंने बताया कि इस डिवाइस को और एडवांस बनाया जाएगा और मार्केट में इसे कम से कम कीमत पर उतारा जाएगा, जिससे हर महिला इसे खरीदने में सक्षम हो।
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की दी शुभकामनाएं
उन्होंने कहा कि, इस डिवाइस सिस्टम का महिला सुरक्षा में इस्तेमाल करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा गया है। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की शुभकामनाएं देते हुए स्कूल डाइरेक्टर ने कहा कि ईश्वर ने जो प्यार और ममता की ऊर्जा शक्ति महिलाओं को दी है, वो और किसी के पास नहीं है। महिलाओं को खुद पर भरोसा करना चाहिए। वे खुद को दुनिया की किसी भी परिस्थिति में ढाल सकती हैं और मंजिल को हासिल कर सकती हैं। हमारे स्कूल की छात्राओं ने जो डिवाइस बनाया है, वह महिला सुरक्षा के लिए कवच साबित हो सकती है।